Uttrakhand

राजा दशरथ ने की राम के राज्याभिषेक की घोषणा

पौड़ी की रामलीला के मंचन में दशरथ व  केकई का संवाद  दृश्य

पौड़ी गढ़वाल, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।रामलीला के चौथे दिन भगवान श्री राम की आरती श्री राम चंद्र कृपालु भजमन से शुरू हुई। भाव नृत्य मे पावनी बहुगुणा के बेहतरीन नृत्य अभिनय की दर्शकों द्वारा सराहना की गई।

मुख्य अतिथि प्रबंधक भगत राम मॉडर्न स्कूल दामोदर प्रसाद ममगांई ने मंचन की शुरूआत करते हुए कहा कि पौड़ी की रामलीला ने पूरे उत्तराखंड में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। अपने समय के रामलीला के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि धीरे धीरे रामलीला के मंचन में अब काफी निखार आ गया है। रामलीला के आयोजन को महत्तवपूर्ण बताते हुए कहा कि समिति का यह प्रयास सरहनीय है।

मंचन में राजा दशरथ द्वारा राम के राज्याभिषेक की घोषणा, दशरथ सुमंत संवाद, सुमंत मंथरा संवाद, मंथरा कैकई संवाद, कैकई सुमंत संवाद, राम कैकई संवाद, राम कौशल्या संवाद तक मंचित हुई। कैकई मंथरा संवाद मे तीर समान वचन लागे तोरे गायन ने मंचन को भावपूर्ण बना दिया।

कैकई की भूमिका में सुहानी नौटियाल के शानदार अभिनय की दर्शकों द्वारा जमकर तारीफ की गई। सुमंत के पात्र गोपाल नेगी के शानदार अभिनय ने उनकी मंचीय प्रस्तुति का लोहा मनवाया। कोप भवन में दशरथ कैकई संवाद मे दशरथ के पात्र डा. मदन मोहन नौडियाल ने अपने अभिनय से एक अलग छाप छोड़ी। मंथरा की भूमिका में कशिश, कौशल्या आरती बहुगुणा का अभिनय भी यादगार रहा।

राम के लिए सर्वेंद्र रावत दशरथ के लिए मनोज रावत अंजुल, सीता और कैकई के लिए प्रीती, मंथरा और कौशल्या के लिए कविता ममगाईं ने बेहतरीन पार्श्व गायन किया। संगीत पक्ष में तबले पर प्रमेंद्र नेगी, ढोलक पर तपेश्वर प्रसाद और समृद्धि की बोर्ड पर नवांश बहुगुणा, साइड रिदम और ऑक्टोपैड पर शुभम बिष्ट ने संगत की।जसपाल सिंह रावत, विमल बहुगुणा, देवेंद्र रावत आदि आयोजन में सहयोग दें रहे हैं। संचालन वीरेंद्र खंकरियाल ने किया।

(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह

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