
धर्मशाला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केसीसी बैंक एक मजबूत संस्था है और इसके जमाकर्ताओं और हितधारकों को किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। यह बात सोमवार को केसीसी बैंक के नए प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। जफर इकबाल ने बैंक के बेहतर वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करते हुए जमाकर्ताओं और हितधारकों को बैंक की मूलभूत मजबूती और विश्वसनीयता का आश्वासन दिया।
प्रबंध निदेशक ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड को निलंबित किए जाने के बाद, बैंक को सहकारी बैंकों में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए कठोर सुधार लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले चार वर्षों में बैंक के प्रदर्शन की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो यह दर्शाती है कि बैंक सही दिशा में आगे बढ़ रहा है । बैंक का शुद्ध एनपीए जो कि 31 मार्च 2022 को 15 प्रतिशत था, अब घटकर 4.38 प्रतिशत पर आ गया है। यह प्रदर्शन नाबार्ड के 5 प्रतिशत से नीचे शुद्ध एनपीए रखने के दिशानिर्देश का सफलतापूर्वक पालन करता है।
उन्होंने कहा कि सकल एनपीए में गिरावट दर्ज की गई है जो कि 31 मार्च 2022 को लगभग 30 प्रतिशत था जो अब घटकर 19 प्रतिशत हो गया है । बैंक ने 31 मार्च 2026 तक सकल एनपीए को नाबार्ड के मानक यानी 10 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है। बैंक ने 809 करोड रुपए के कुल एनपीए के विरुद्ध 651 करोड़ का प्रावधान पहले ही किया हुआ है, जो भविष्य की किसी भी संभावित हानि को अवशोषित करने की बैंक की क्षमता को दर्शाता है। बैंक की जमा राशि 31 मार्च 2022 को 12647 करोड़ से बढ़कर 30 सितंबर 2025 तक 15433 करोड़ हो गई है, जिससे यह आंकड़े बैंक में जनता के मजबूत विश्वास को दर्शाते हैं। जमा राशि में 9841 करोड़ का बड़ा हिस्सा खुदरा निवेशकों का है जो बैंक के व्यापक आधार को रेखांकित करता है। प्रबंध निदेशक ने सभी खाताधारकों, कर्मचारियों और हितधारकों को स्पष्ट संदेश दिया कि यह बैंक मौलिक रूप से मजबूत सिद्धांतों पर सौ वर्षों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी भ्रामक बयान पर घबराहट करने की कोई जरूरत नहीं है। उपभोक्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं और हम इस विश्वसनीयता को बनाए रखते हुए देश के सहकारी बैंकों में सर्वश्रेष्ठ बनकर उभरेंगें। इस अवसर पर महाप्रबंधक अमित गुप्ता और राकेश शर्मा उपस्थित रहे।
पदोन्नति-भर्ती प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
बैंक के प्रबंध निदेशक ने भविष्य की रणनीति और प्रशासनिक सुधार के बारे में भी बताते हुए कहा कि 2017 के बाद से लंबित पड़ी प्रमुख पदोन्नति और भर्ती प्रक्रियाओं को अगले दो तिमाहियों में शुरू किया जाएगा, ताकि बैंक में कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके। बैंक में नई एचआर नीति तैयार की जाएगी जो नियमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करेगी और हर अधिकारी के लिए भूमिका और जबावदेही तय करेगी। बैंक मुख्यालय में एक नामित सेल स्थापित किया जाएगा, ताकि हितधारकों के साथ दो तरफा और पारदर्शी संचार सुनिश्चित किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
