HimachalPradesh

सीयू के सेंटर फॉर कल्चरल टूरिज़्म के कार्यक्रम में कज़ाखस्तान नृत्य की रही धूम

कार्यक्रम के दौरान कुलपति और कजाखस्तान के प्रतिनिधि।

धर्मशाला, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर कल्चरल टूरिज़्म की ओर से कज़ाखस्तान नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने शिरकत की। वहीं उनके साथ अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार और कुलसचिव प्रो. नरेंद्र सांख्यान मौजूद रहे। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि दुनिया का हर जागरूक एवं विकसित देश अपनी सभ्यता, संस्कृति, ज्ञान-परंपरा एवं विरासत को सहेजने का प्रयत्न करता है। फिर भारत तो एक ऐसा देश है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति, परंपरा आदि में दुनिया को दिशा देने वाली मौलिक, किंतु सार्वभौमिक विशेषताएं देखने को मिलती हैं। भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत का मूल आधार ही भारतीय ज्ञान परम्परा है। भारतीय ज्ञान परम्परा भारतवर्ष में प्राचीन काल से चली आ रही शिक्षा प्रणाली है। इसके अंतर्गत वेद, वेदांग, उपनिषद, श्रुति, स्मृति से लेकर विभिन्न प्रकार के दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, नाट्यशास्त्र, प्रबन्धन एवं विज्ञान विद्याशाखा इत्यादि के अथाह ज्ञान भण्डार हैं।

उन्होंने कहा कि विदेशों में पढ़ने वाले विद्यार्थी इस सिद्धांत को समझे और विश्व शांति और सहयोग के लिए आगे आएं इसलिए केंद्रीय विश्वविद्यालय आने वाले समय पर इस दिशा में काम करेगा और अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग से ऐसी व्यवहारिक शिक्षा को प्रचारित करेगा ताकि विदेशों में पढ़ने वाला एक एक विद्यार्थी भारत और भारतीयता को समझे। विश्वविद्यालय की ओर से जो अंतरराष्ट्रीय समझौता ज्ञापन किए गए हैं। दो देशों के बीच की संस्कृति के बारे में जानने के लिए इस तरह के आयोजनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहती है। आने वाले समय में इस समझौता ज्ञापन के तहत यहां से भी विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों के दल अल्माटी, कज़ाखस्तान जाएंगे। जिससे दोनों देशों के दल एक-दूसरे की संस्कृति को जान सकें।

वहीं सेंटर फॉर कल्चरल टूरिज़्म के निदेशक प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा गत वर्ष कजाकिस्तान की राजधानी अलमाटी में उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ एक एमओयू भी साइन किया I जिसके तहत विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र एवं अलमाटी के सेंटर फॉर इंडियन कल्चर एंड योगा के बीच सांजस्य के तहत वहां से एक टीम विशेष रूप से अलमाटी, कजाकिस्तान से आई है जिसने भारतीय परम्परा में नृत्‍यों की श्रृंखला को प्रस्तुत की। यह बात महत्वपूर्ण है कि आज भारतीय संस्कृति को केवल देश में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी माना जा रहा है और इसी के अंतर्गत 8 नृत्यांगनाएं अलमाटी से आई हैं, जो इंडियन क्लासिकल नृत्‍यों की प्रस्तुति देंगी, जिसमें भरतनाटयम और अन्य विधाएं शामिल हैं उनका प्रस्तुतिकरण करेंगी और एक महत्वपूर्ण बात यह है की इस तरह से विश्वविद्यालय वो केंद्र हैं जो विद्यार्थियों को केवल अकादमिक चीजें ही नहीं बल्कि परफॉर्मिंग आर्ट्स के बारे में भी जानकारी देते हैं।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

Most Popular

To Top