
हरिद्वार, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । कांवड़ मेला अब अपने अंतिम दौर में हैं। बुधवार को जलाभिषेक होने के साथ कांवड़ मेला भी सम्पन्न हो जाएगा। फिलहाल कांवड़ के अंतिम दौर में फटाफट कांवड़ यानि डाक कांवड़ चल रही है।
बुधवार दोपहर तक सभी कांवडि़ए हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे। ऐसे में कांवड़ के विभिन्न रूप देखने को मिल रहे हैं। इस बार मेले में कोई अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर ले गया तो किसी महिला ने अपने विकलांग पति को पीठ पर ले जाकर गंगाजल उठाया। किसी ने अखिलेश यादव के सीएम बनने के लिए कांवड़ उठायी तो किसी ने दिवंगत चौधरी देवी लाल के नाम पर कांवड़ उठाया।
वहीं स्वर्णमय शिव प्रतिमा को किसी ने कांवड़ का आकर्षण बनाया तो कोई राम मंदिर व केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाकर कांवड़ ले गया, किन्त ुइस सबसे अलग हरियाणा के कांवडि़यों ने नोटो ंसे बनी कांवड़ उठायी। कांवडि़यों ने 100, 200 व 500 रुपये के नोटो ंका इस्तेमाल किया।
हरियाणा के जगाधरी के रहने वाले कांवडि़या राजेश वर्मा ने देवभूमि हरिद्वार में नोटों से बनी कांवड़ उठाई तो उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया है। दरअसल अभी तक लोगों ने कांवड़ पर नोट खर्च होते हुए देखे थे, लेकिन नोटों की कांवड़ पहली बार देखी गयी। राजेश वर्मा का कहना है कि वह अपने भाई के साथ कांवड़ लेकर आए हैं। दोनों भाइयों ने नोटों से कांवड़ बनाई है।
राजेश वर्मा के अनुसार वह कुछ अलग करना चाहते थे और पैसे भी बचाने थे। इसलिए नोटों की कांवड़ बनाई। यह पैसा सुरक्षित है जगाधरी पहुंचकर एक-एक नोट कांवड़ से निकाल लेंगे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
