Jammu & Kashmir

डेटा की कमी के कारण कश्मीर पावर ग्रिड साइबर जोखिमों के संपर्क में

श्रीनगर, 2 सितंबर, हि.स.। जम्मू-कश्मीर में जेके-एसएलडीसी और उत्तरी क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र (एनआरएलडीसी) दोनों पर वास्तविक समय का टेलीमेट्री डेटा अभी भी अनुपलब्ध है जिससे डेटा उल्लंघन और अन्य साइबर खतरों के बढ़ते जोखिम को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

आधिकारिक दस्तावेज़ों के अनुसार एनआरएलडीसी के प्रतिनिधि ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जम्मू-कश्मीर से प्राप्त वास्तविक समय का टेलीमेट्री डेटा जेके-एसएलडीसी और एनआरएलडीसी दोनों पर उपलब्ध नहीं है।

दस्तावेजों में कहा गया है कि पावरग्रिड के एक प्रतिनिधि ने बताया कि पहले राज्य स्तर पर कुछ धन संबंधी समस्याएँ थीं लेकिन हाल ही में पावरग्रिड को केंद्रीय योजना निधि के माध्यम से 34 करोड़ रुपये (लगभग) में से 25 करोड़ रुपये (लगभग) की राशि प्राप्त हुई है।

उन्होंने उल्लेख किया है कि ओपीजीडब्ल्यू (76 में से 35) का लंबित कार्य अगस्त 2025 में शुरू होने वाला है जिसमें टीसीआईएल और अन्य संबद्ध विक्रेता पावरग्रिड द्वारा नियोजित होंगे। यूएलडीसी परियोजना के तहत आरटीयू की डिलीवरी भी शुरू हो गई है पहला बैच भेज दिया गया है और दूसरा निरीक्षण के अधीन है।

दस्तावेज़ों के अनुसार, एमएस-एनआरपीसी ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र से रीयल-टाइम टेलीमेट्री की माँग की और सुझाव दिया कि पावरग्रिड बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने, धन के उपयोग की योजना बनाने और उसे तेज़ करने, ओपीजीडब्ल्यू और आरटीयू एकीकरण गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने और लंबित मुद्दों को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए जम्मू-कश्मीर के साथ एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित करे। बैठक में जम्मू-कश्मीर का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।

इस बात पर भी चर्चा हुई कि एसडीएच, एमपीएलएस आदि जैसे इंटरऑपरेबिलिटी मुद्दों को धीरे-धीरे हल करने की आवश्यकता है और स्थिरता प्राप्त करने में समय लगेगा।

इंडीग्रिड ने पुरानी उपकरणों की नेक्स्ट जेनरेशन फायरवॉल (एनजीएफडब्ल्यू) के साथ अनुकूलता और हार्डवेयर अपग्रेड की संभावित आवश्यकता साथ ही टीबीसीबी सबस्टेशनों के लिए लागत वसूली तंत्र निर्धारित करने की आवश्यकता पर चिंता व्यक्त की।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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