
प्रयागराज, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के सानिध्य में भगवान शंकराचार्य मंदिर-श्री ब्रह्म निवास अलोपीबाग आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पं0 नन्दन गोस्वामी ने बताया कि भगवान कृष्ण करूणानिधान हैं, वो भक्त वत्सल हैं।
भगवान के जीवन के विभिन्न क्रिया-कलापों का वर्णन करते हुए व्यास ने दुर्योधन से पांडवों के लिए पांच गांव मांगा, विदुर से वार्ता सनत, सनातन सनंदन आदि के सन्दर्भों की विस्तार से व्याख्या किया। भगवान ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना करने के लिए मनु महाराज को निर्देश देना, मनु द्वारा सृष्टि की रचना सन्तान के जन्म के लिए स्त्री होने की याचना पर ब्रह्माजी ने वह भी पूर्ण किया।
प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि भगवान आदिशंकराचार्य मंदिर श्री ब्रह्म निवास अलोपीबाग में नव निर्मित मंदिर में रामलला की प्रतिमा का जलाधिवास व पूजन आरती भोग प्रसाद के बाद शुक्रवार को फलाधिवास, पुष्पधिवास, वस्त्राधिवास और शयनाधिवास सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्राण प्रतिष्ठा व महाभिषेक, पूजा-आरती, भोग का कार्यक्रम प्रातः 9 बजे से प्रारम्भ होगा। अभिजित मुहूर्त में पूर्वान्ह 11ः30 बजे से 12ः30 बजे अपरान्ह तक मूर्ति स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सम्पन्न होगा। जगद्गुरू शंकराचार्य की देख रेख में सम्पन्न हो रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान दीप कुमार पांडे व उनकी पत्नी सुषमा पांडे हैं। मुख्य आचार्य उड़ीसा के भगवान त्रिपाठी, पं0 जन्मेजय, पं0 आशीष मिश्रा व मानस रंजन पूजा आरती-प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम करा रहे हैं।
सम्पूर्ण कार्यक्रम में मुख्य रूप से दंडी स्वामी शंकरानंद महाराज, दंडी स्वामी विनोदानंद सरस्वती, दण्डी स्वामी विश्वदेवानंद सरस्वती, व्यास श्यामसुन्दर ‘वृंदावन नंदगाँव वाले’, आनंद, बंगाली बाबा, पं0 शिवार्चन उपाध्याय, पूर्व प्रधानाचार्य ज्योतिष्पीठ संस्कृत महाविद्यालय, आचार्य अभिषेक मिश्र, व्यास ओम नारायण तिवारी, आचार्य मनीष तिवारी एवं ब्रह्मचारी जितेन्द्र तिवारी आदि सम्मिलित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
