Uttar Pradesh

कानपुर : निलंबित सीएमओ ने जद्दोजहद के बीच संभाला चार्ज, तैनात सीएमओ को शासनादेश का है इंतजार

मौके पर मौजूद निलंबित और वर्तमान सीएमओ व भारी पुलिस बल

— हाईकोर्ट का आदेश पड़ा भारी, तैनात सीएमओ ने अपनी कुर्सी बगल में लगाई

कानपुर, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह और सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी का मामला एक बार फिर बुधवार को उस समय सुर्खियों में आ गया जब हाईकोर्ट का आदेश लेकर निलंबित सीएमओ डा. नेमी सीएमओ कार्यालय पहुंच गये। इसी बीच कानपुर में तैनात सीएमओ डा. उदयनाथ भी पहुंचे और दोनों के बीच सीएमओ की कुर्सी पर बैठने के लिए कहासुनी होने लगी। मामले की गंभीरता को देख पुलिस फोर्स भी कार्यालय पहुंच गया। अंतत: हाईकोर्ट का आदेश भारी पड़ा और निलंबित सीएमओ डा. नेमी ने चार्ज संभाल लिया तो वहीं तैनात सीएमओ डा. उदयनाथ ने बगल में अपनी कुर्सी डाल ली और कहा कि शासनदेश का हमें इंतजार है।

कानपुर में तैनात रहे सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी को शासन ने जिलाधिकारी जितेन्द्र पताप सिंह की जांच रिपोर्ट पर बीते माह 19 जून को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही लखनऊ में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा पर उनको संबद्ध कर दिया गया था। उनकी जगह पर गोरखपुर से डा. उदयनाथ को कानपुर सीएमओ पद की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्होंने फौरन ज्वाइन भी कर दिया। इस पर निलंबित सीएमओ डा. नेमी ने प्रेस वार्ता कर जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्यायालय की शरण में जाने की बात कही थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए उन्होंने अपना पक्ष रखा और न्यायमूर्ति की मनीष माथुर की एकल पीठ ने आठ जुलाई को शासन के फैसले को खारिज करते हुए डा. नेमी का निलंबन बहाल कर दिया। हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही डा. नेमी अगले ही दिन बुधवार को कांशीराम ट्रामा सेंटर स्थित मुख्य चिकित्सा अधिका​री कार्यालय पहुंच गये और चार्ज संभालने के लिए कर्मचारियों से रजिस्टर मंगाया। इसकी भनक लगते ही वर्तमान सीएमओ डा. उदयनाथ भी कार्यालय पहुंचे और दोनों के बीच काफी देर तक शासनादेश और कोर्ट के आदेश को लेकर बहस होती रही। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए चकेरी थाना का फोर्स भी पहुंच गया और अधिकारियों को पल—पल की अपडेट देते रहे। अन्तत: हाईकोर्ट का आदेश भारी पड़ा और निलंबित सीएमओ डा. नेमी ने चार्ज संभाल लिया और कामकाज में जुट गये।

18 अगस्त को होगी सुनवाई

हाईकोर्ट ने डा. हरिदत्त नेमी के निलंबन आदेश को खारिज कर दिया है और राज्य सरकार व विपक्षी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

डा. उदयनाथ को है शासनादेश का इंतजार

शासन से भेजे गये सीएमओ डा. उदयनाथ ने आखिरकार सीएमओ की कुर्सी का मोह त्याग अपनी कुर्सी बगल में लगा ली और वहीं पर बैठ गये। उन्होंने कहा कि हमें शासनादेश का इंतजार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट का आदेश लेकर पूर्व सीएमओ यहां पर आए हैं। जबकि कोर्ट से स्टे मिलने के बाद सबसे पहले उन्हे प्रमुख सचिव को इसकी जानकारी देना चाहिये था। इसके बाद प्रमुख सचिव हमें अवगत कराते, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। फिलहाल वह मेरी कुर्सी पर बैठे हैं। मुझे ऊपर से जैसा आदेश होगा मैं वैसा करुंगा।

जिलाधिकारी पर नो कमेंट

डा. हरिदत्त नेमी ने मीडिया से कहा कि निलंबन के बाद मैने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और सात जुलाई को मुझे स्टे मिल गया। याचिका में मेरी जगह पर आए डाक्टर को भी विपक्षी बनाया गया है और कोर्ट ने उन्हे भी यह कहते हुए स्टे दिया है कि जिस जगह से वह आए हैं वह वहीं पर अपना पदभार संभाले। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह पर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जिलाधिकारी हैं मेरे सर हैं उन पर कोई कमेंट नहीं करुंगा।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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