
जम्मू, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । कामिका एकादशी का व्रत इस वर्ष 2025 ई. में सोमवार, 21 जुलाई को है। कामिका एकादशी व्रत के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) ने बताया कि एक वर्ष में 24 एकादशी होती हैं, लेकिन जब अधिकमास (मलमास) आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जानते हैं। कामिका एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं। कामिका एकादशी की कथा भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी। इससे पूर्व मुनि वशिष्ठ ने राजा दिलीप को यह कथा सुनाई थी।
श्रावण मास कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 20 जुलाई (रविवार) को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होकर 21 जुलाई (सोमवार) सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। सूर्योदय व्यापिनी एकादशी तिथि 21 जुलाई (सोमवार) को होने के कारण व्रत इसी दिन रखा जाएगा। कामिका एकादशी व्रत का पारण 22 जुलाई (मंगलवार) द्वादशी तिथि के दिन सुबह 05 बजकर 50 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक किया जा सकता है। पारण के पश्चात किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा अवश्य दें।
इस दिन जो व्यक्ति दान करता है, वह सभी पापों का नाश कर परमपद प्राप्त करता है। इस दिन ब्राह्मणों एवं जरूरतमंदों को मिष्ठानादि, वस्त्र, दक्षिणा आदि यथाशक्ति दान करना चाहिए। एकादशी के दिन ॐ नमो वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक एवं शारीरिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। व्रत मन को संयम सिखाता है और शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
