Uttrakhand

गर्भवती महिला का प्रसव फर्श पर नहीं बैड पर हुआ: कमला

महिला आयोग की सदस्य दोनों पक्षों से बात करती हुई

हरिद्वार, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ हुई अमानवीयता के चर्चित प्रकरण में उत्तराखण्ड महिला आयोग की सदस्या कमला जोशी ने शनिवार को अस्पताल पहुंचकर दोनों पक्षों से मामले की जानकारी लेने के बाद इस प्रकरण में किसी को भी दोषी नही माना है।

उन्होंने इस प्रकरण को केवल गलत फहमी बताते हुए पूरे मामले में आरोपित महिला डॉक्टर समेत स्टॉफ को क्लीनचिट दे दी। हालांकि पीडित महिला के पति ने महिला चिकित्सक पर अभद्रता का आरोप दोहराया है। दूसरी और प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने पत्रकार वार्ता कर डॉक्टर के खिलाफ की गई एक तरफा कार्रवाई को गलत ठहराया है।

गौरतलब है कि चैनराय जिला महिला चिकित्सालय में सोमवार 30 सितम्बर की रात तैनात महिला चिकित्सक द्वारा प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को भर्ती न करने व गर्भवती द्वारा फर्श पर बच्ची को जन्म देने का मामला सामने आया था।

इस प्रकरण में सीएमओ डॉ. आरके सिंह ने पीएमएस डॉ. आर वी सिंह को तत्काल मामले की जांच के आदेश दिये थे। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम काण्डवाल ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग की सदस्यता कमला जोशी को जांच के आदेश दिये थे। इस बीच संविदा पर तैनात आरोपित महिला डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी।

राज्य महिला अयोग की सदस्या कमला जोशी ने शनिवार को जिला महिला चिकित्सालय पहुंचकर पीडित महिला पति, आशा कार्यकत्री, घटना के वक्त तैनात महिला चिकित्सक और नर्सिग अधिकारियों से जानकारी ली । पूरे प्रकरण पर कमला जोशी ने मीडिया व सोशल मीडिया में चल रहे आरोपों को खारिज करते हुूए कहा कि गर्भवती महिला के साथ ऐसा नहीं हुआ था, जैसा कि सोशल मीडिया या फिर मीडया में चल रहा था।

महिला को भर्ती किया गया था, जिसको चिकित्सक ने कुछ देर गैलरी में टहलने के लिए बोला था, इस दौरान प्रसव पीडा हुई और उसको बैड पर ले जाया गया, जहां पर उसकी डिलीवरी हुई। जबकि सोशल मीडिया में चल रहा था कि महिला की डिलीवरी फर्श पर हुई। उन्होंने कहा जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और वह पक्ष किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं चाहते।

सीएमओ डॉ. आर के सिंह ने बताया कि महिला आयोग की टीम आज जांच के लिए पहुंची थी। जांच में किसी भी पक्ष ने यह बात नहीं कही कि महिला ने बच्ची को फर्श पर जन्म दिया। हां स्टाफ के व्यवहार में कमी की बात समाने आयी है। इस सम्बंध में चिकित्सकों व स्टॉफ को सख्त हिदायत दी गयी हैं। उन्होंने कहा महिला आयोग की टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

उधर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव डॉ. रमेश कुंवर ने महिला अस्पताल में ही पत्रकारों से वार्ता कर कहा कि डॉक्टर सोनाली पंथी के खिलाफ सेवाएं समाप्त करने की जो एक तरफा कार्रवाई की गई है, वह गलत है, इस प्रकरण में पूरी जांच दोबारा होनी चाहिए। डॉ. सोनाली पर लगे आरोप पूरी तरह निराधार हैं।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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