
– कला आचार्य प्रदर्शनी संचरण में झलकी गुरु-शिष्य परम्परा की अद्भुत छटा
– प्रदर्शनी में 55 कला आचार्यों कीं उत्कृष्ट कृतियां प्रदर्शित
प्रयागराज, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय “कला आचार्य प्रदर्शनी संचरण” का उद्घाटन शनिवार को महात्मा गांधी कला विथिका में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि “कला आचार्य हमारे भारतीय संस्कृति के मूल आधार हैं। वही परम्परा और संस्कृति को अपने शिष्यों के माध्यम से आगे बढ़ाते हैं। कला ही संस्कृति और देश के विकास का सशक्त माध्यम है।” उन्होंने वरिष्ठ चित्रकार रवींद्र कुशवाहा द्वारा गुरु-शिष्य परम्परा पर आधारित रचना ‘योग’ की विशेष सराहना की।
केंद्र निदेशक सुदेश शर्मा ने कहा कि “नई पीढ़ी को अपने सामाजिक मूल्यों और संस्कृति से जोड़कर रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह प्रदर्शनी इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है।”
इसके पूर्व मुख्य अतिथि सहित विशिष्ट अतिथि केंद्रीय ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र त्रिपाठी एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक सुदेश शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्र निदेशक सुदेश शर्मा ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को अंगवस्त्र एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया।
प्रदर्शनी का संयोजन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्यकला विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सचिन सैनी ने किया। इस प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से आए इंटरमीडिएट, डिग्री कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के 55 कला आचार्यों की उत्कृष्ट पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई है। इस अवसर पर लगभग 200 कला प्रेमी एवं विद्यार्थी सहित काफ़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित रहे। प्रदर्शनी 27 अक्टूबर तक महात्मा गांधी कला विथिका में दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र