
— बटुकों और श्रद्धालुओं ने किया स्वागत,देव दीपावली तक काशी में प्रवास करेंगे
वाराणसी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दो महीने तक मुंबई में चातुर्मास व्रत करने और 33 दिन तक बिहार विधानसभा चुनाव में गौमाता की रक्षा के लिए जनजागरण अभियान चलाने के बाद, ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को वाराणसी पहुंचे। काशी में उनका भव्य स्वागत किया गया, जहां बटुकों और भक्तों ने नगाड़े की थाप पर जयघोष किया और पुष्पवर्षा कर उनका अभिवादन किया।
शंकराचार्य के स्वागत के लिए सोनारपुरा से श्री विद्यामठ तक के मार्ग पर श्रद्धालुओं ने उन्हें पालकी में बिठाकर मठ तक पहुंचाया। इस दौरान शंकराचार्य ने श्री विद्यामठ में गौमाता का दर्शन किया और उन्हें फल व ग्रास ग्रहण कराया। इसके बाद, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ब्रह्मचारी परमात्मानंद ने शंकराचार्य महाराज के चरणपादुका का पूजन किया, और भक्तों ने श्रद्धा भाव से शंकराचार्य की आरती उतारी।
शंकराचार्य ने उपस्थित सभी भक्तों को आशीर्वाद और प्रसाद प्रदान किया। मठ के मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि शंकराचार्य देव दीपावली तक काशी में प्रवास करेंगे और इस दौरान वे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे। साथ ही, भक्तगण शंकराचार्य से अपनी धार्मिक जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करेंगे।
स्वागत एवं अभिनंदन समारोह में साध्वी पूर्णांबा दीदी, साध्वी शारदांबा दीदी, स्वामी निधिरव्यानंद सागर, रवि त्रिवेदी, रमेश उपाध्याय, यतीन्द्र चतुर्वेदी, कीर्ति हजारी शुक्ला, जयंतुजय शास्त्री, सुनील शुक्ला सहित कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
