
जमानत याचिका पर अदालत ने 17 तक मांगा पुलिस से जवाब
हिसार, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगनदीप मित्तल
की कोर्ट में चलेगा। अब इसी कोर्ट में 19 नवंबर को चार्ज फ्रेम की प्रक्रिया पूरी होगी।
ज्योति पर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप हैं।
ज्योति के वकील कुमार मुकेश पहले ही ज्योति पर लगाई गई धाराओं को गलत बता चुके
हैं। उन्होंने बुधवार काे कहा कि ज्योति ने कोई सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन नहीं किया। पुलिस चार्जशीट
में ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाई, जिससे उसे सीक्रेट एक्ट में दोषी बनाया जाए। कुमार
मुकेश ने बताया कि इसको आधार बनाकर जमानत याचिका लगाई गई है जिस पर अतिरिक्त जिला एवं
सत्र न्यायाधीश डॉ. परमिंदर कौर की कोर्ट ने 17 अक्टूबर को पुलिस से जवाब मांगा है।
ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताया कि सीक्रेट एक्ट की धारा 3 यह कहती है
कि अगर किसी ने डिफेंस से जुड़ी चीजों का प्लान, मैप या मॉडल बनाया है तो उसके लिए यह
धारा यूज होती है। इस मामले में 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। सरकार को प्रतिबंधित
क्षेत्र घोषित करने पड़ते हैं, ताकि लोग पहले से ही उस बारे में सजग रहे। पुलिस की फाइंडिंग
में ऐसा कुछ नहीं है। चार्जशीट में यह नहीं बताया कि उसने ऐसा कौन सा प्रतिबंध तोड़ा
है।
कुमार मुकेश के अनुसार पुलिस ने सीक्रेट एक्ट से जुड़ी एक चीज भी रिकवर नहीं
की है। आर्मी से जुड़ा कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाई है जिससे यह साबित हो सके उसने
कोई गोपनीय जानकारी साझा की हो। अगर गवर्नमेंट के किसी सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन होता
भी है तो उसमें अधिकतम 3 साल की सजा का ही प्रावधान है। कुमार मुकेश ने बताया कि ज्योति
के मोबाइल से पाक एजेंट शाकिर से संपर्क की बात पुलिस कह रही है। पूरी चार्जशीट में
शाकिर से चैटिंग व कॉल रिकॉर्डिंग की एक बात सामने नहीं आई है। ना ये बताया गया है
कि उसने कोई कॉल डिलीट की है। दानिश से भी ज्योति सिर्फ वीजा पर्पज से ही मिलती थी।
सेशन कोर्ट में इसलिए ट्रांसफर हुआ केस
ज्योति मामले में जो धाराएं लगी हैं, उसके कारण सेशन कोर्ट में ही आगे की कार्रवाई
होगी। अभी तक यह केस ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के यहां चल रहा है। पुलिस ने 15 अगस्त से
पहले इस केस में चार्जशीट रिपोर्ट जमा करवाई थी। लगभग 2500 पेजों की रिपोर्ट में पुलिस
ने कई बड़े खुलासे किए थे, मगर पुलिस ने कोर्ट में वकील को पूरी चार्जशीट कॉपी से इनकार
कर दिया था। इसके बाद संशोधित चार्जशीट करीब एक महीने बाद वकील को 16 सितंबर को दी
गई।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
