
अब 16 को होगी मामले की सुनवाई, चार्जशीट पर चल रहा विवाद
हिसार, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में पकड़ी गई
ज्योति मल्होत्रा की बुधवार को कोर्ट में 11वीं बार पेशी हुई। मामले की सुनवाई करने
वाले जज के छुट्टी पर होने के कारण वीडियो कान्फ्रेंसिंग से ही ज्योति की पेशी हुई।
हिसार पुलिस ने 14 अगस्त को ज्योति मामले की चार्जशीट अदालत में जमा करवाई थी। अब इस
मामले में 16 सितंबर को अगली पेशी होगी।
ज्योति के वकील कुमार मुकेश चालान कॉपी मांग रहे हैं मगर अब तक उनको चार्जशीट
की कॉपी नहीं मिली है। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताया कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के
सामने बुधवार को ज्योति की वीसी के जरिये पेशी हुई। अगली पेशी पर ज्योति कोर्ट में
व्यक्तिगत रूप से पेश होगी। इस दौरान चालान कॉपी मांगी जाएगी। बता दें कि ज्योति मल्होत्रा
को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में 16 मई को हिसार से गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले तीन सितंबर को ज्योति मल्होत्रा की हिसार कोर्ट ने डिफॉल्ट बेल खारिज
कर दी थी। ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना था कि 90 दिन का समय पुलिस को चालान
पेश करने के लिए मिला था मगर पुलिस पूरी जांच नहीं कर पाई। ज्योति के खिलाफ पुलिस को
कुछ नहीं मिला और अधूरी चार्जशीट के आधार पर बेल मिलनी चाहिए मगर कोर्ट ने जमानत देने
से इनकार कर दिया। इसके अलावा पुलिस ने कोर्ट में तीन एप्लीकेशन लगाई थी। कोर्ट ने
दो एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया था। इसके अनुसार वकील कुमार मुकेश को अधूरी चार्जशीट
दी जाएगी और चालान के पार्ट को प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा।
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की
चार्जशीट को लेकर विवाद चल रहा है। गत 25 अगस्त को ज्योति को चार्जशीट सौंपने के लिए
कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। कोर्ट में चार्जशीट सौंपने की प्रक्रिया चल ही रही
थी, इस दौरान हिसार पुलिस ने कोर्ट में तीन एप्लीकेशन दी कि ज्योति के वकील कुमार मुकेश
को चार्जशीट के कुछ हिस्से न दिए जाएं। पुलिस ने इसके पीछे तर्क दिया है कि वकील को
चार्जशीट कॉपी देने से रिपोर्ट सार्वजनिक हो सकती है, जो काफी संवेदनशील है।
पुलिस
ने कहा कि पंचकूला सीएफएल का डेटा गोपनीय है और देश की सुरक्षा के लिए इसे सार्वजनिक
करना ठीक नहीं है। पुलिस ने कहा कि पाक एजेंटों के साथ ज्योति की चैटिंग सार्वजनिक
नहीं की जा सकती। पुलिस ने कहा कि पूरे मामले के मीडिया ब्रीफिंग पर रोक लगाई जाए।
उधर, ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने कोर्ट में कहा था कि यह एप्लीकेशन अवैध हैं। कुछ
प्रावधानों को तरोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। इसका कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद
वकील कुमार मुकेश ने अपनी तरफ से डिफॉल्ट बेल की एप्लिकेशन कोर्ट में लगाई थी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
