Uttrakhand

झूठे दुष्कर्म के आरोप में 8 माह जेल काटने के बाद देवर बरी, डीएनए रिपोर्ट में मिला न्याय

प्रतीकात्मक फोटो

चंपावत, 8 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बाराकोट ब्लॉक के एक गांव की रहने वाली विधवा महिला के दुष्कर्म के आरोप से देवर को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मामला वर्ष 2024 का है।

महिला की तहरीर पर लोहाघाट पुलिस ने आरोपित देवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामला जिला न्यायालय चंपावत में विचाराधीन रहा। सुनवाई के दौरान महिला गर्भवती हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया।

आरोपित के अधिवक्ता विजय कुमार राय ने अदालत से महिला व बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए डीएनए टेस्ट करवाया। रिपोर्ट में आरोपित निर्दोष साबित हुआ।

जिला सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित को बरी करने के आदेश दिए। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से आरोपित को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया था।

फैसले के बाद त्रिभुवन चंद्र ने अदालत और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का आभार व्यक्त किया। उन्होंने पुलिस से असली अपराधी की गिरफ्तारी और उन लोगों पर कार्रवाई की मांग की जिन्होंने उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया।

उन्होंने बताया कि झूठे मामले के चलते उन्हें 8 माह जेल में बिताने पड़े, जिससे उनका परिवार आर्थिक और सामाजिक संकट में फंस गया। किस्त न चुका पाने के कारण उनकी गाड़ी फाइनेंसर ने उठा ली। अब बच्चों का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। त्रिभुवन चंद्र ने कहा कि इस झूठे मुकदमे ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी गहरी चोट पहुंचाई है।

(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी

Most Popular

To Top