Uttar Pradesh

दिव्यांगजन आत्मबल और संस्कृति के प्रतीक : न्यायमूर्ति विजयलक्ष्मी

अतिथिगण एवं दिव्यांगजन

प्रयागराज, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । “दिव्यांगजन केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि समाज के लिए आत्मबल और संस्कृति के जीवंत प्रतीक हैं। हमें इनके कौशल, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक ऊर्जा से सीख लेने की आवश्यकता है। समाज तभी समृद्ध हो सकता है जब अपने हर वर्ग को सम्मान और अवसर दे।” यह बातें रविवार काे राजर्षि टंडन सेवा केंद्र, बैंक रोड में आयाेजित “दिव्यांगजन डांडिया उत्सव” में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विजयलक्ष्मी ने कही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोकसेवक मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चोपड़ा ने कहा कि लोकसेवक मंडल सदैव दिव्यांगजनों के सम्मान, सशक्तिकरण और समाज में उनकी बराबरी की भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध रहा है। ऐसे सांस्कृतिक आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि एकजुटता और समानता का प्रतीक भी हैं।

कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद् ब्रह्मा प्रकाश तिवारी ने किया। इस अवसर पर अनाम स्नेह परिवार के संयोजक, वरिष्ठ समाजसेवी एवं शिक्षक श्रीनारायण यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिन्होंने आयोजन की सफलता में सक्रिय भूमिका निभाई और अपने वक्तव्य में कहा कि अनाम स्नेह परिवार का उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ना और संवेदनशीलता के वातावरण को सशक्त बनाना है। दिव्यांगजन इस परिवार की आत्मा हैं।

अंत में अनाम स्नेह परिवार की सक्रिय सदस्य एवं आयोजन की प्रमुख मधू यादव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह उत्सव दिव्यांगजनों के मनोबल को नई उड़ान देने वाला साबित हुआ है। समाज का हर संवेदनशील नागरिक इस अभियान का सहभागी बने, यही हमारी सच्ची कामना है।

कर्मचारी नेता एवं मिडिया प्रभारी अनाम स्नेह रविशंकर मिश्र ने बताया कि दिव्यांग प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत डांडिया नृत्य, गीत-संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में उपनिदेशक दिव्यांगजन अभय कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ समाजसेविका जमुनोत्री गुप्ता, डॉ. स्वीटी मौर्य, कांता चोपड़ा, प्रेमलता शुक्ला, निशा गुप्ता, सीमा, पदमा एवं अनुराधा शामिल रहीं। सभी ने दिव्यांग प्रतिभागियों के प्रस्तुतियों की सराहना की।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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