
कोलकाता, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।
जादवपुर विश्वविद्यालय की तीसरे वर्ष की छात्रा अनामिका मंडल की मौत की जांच कर रही ठोस सुराग तलाशने की कोशिश कर रही है। अनामिका का शव गुरुवार देर रात विश्वविद्यालय परिसर स्थित चार नंबर गेट के पास के तालाब से बरामद हुआ था। छात्रा की मौत कैसे हुई, यह अब तक साफ नहीं हो सका है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल इसे असामान्य मौत का मामला मानकर पुलिस जांच कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को (Udaipur Kiran) को बताया कि आखिरी बार रात के समय लड़की तालाब के किनारे चलती हुई सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। बाकी सारे फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 10:20 बजे अनामिका को तालाब में बेहोश देखा गया। मौके पर मौजूद छात्र-छात्राओं ने तुरंत उसे बाहर निकाला और पास के केपीसी अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चार नंबर गेट और उसके आसपास तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। माना जा रहा है कि रात की पूरी घटना कैमरों में कैद हो सकती है। पुलिस ने फुटेज सुरक्षित कर जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय के पास स्थित यूनियन रूम और तालाब किनारे का इलाका भी जांच के दायरे में है। सूत्रों का कहना है कि छात्रा शायद उस रास्ते से होकर शौचालय की ओर गई थी, जहां से तालाब के पास संकरी गली गुजरती है। वहां से गिरने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। छात्रा का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और शुक्रवार को फॉरेंसिक टीम भी विश्वविद्यालय आ सकती है।
अनामिका मंडल जादवपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में स्नातक की छात्रा थीं। उनका घर उत्तर कोलकाता के बेलघरिया निमता इलाके में है। गुरुवार को विश्वविद्यालय में चल रहे एक कार्यक्रम में वे मौजूद थीं।
इस घटना ने 2023 की उस घटना की याद ताजा कर दी है, जब विश्वविद्यालय के बंगला विभाग के प्रथम वर्ष के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। आरोप था कि उसे मुख्य छात्रावास में रैगिंग का शिकार होना पड़ा और वह तीसरी मंजिल से गिर गया था। उस हादसे के बाद विश्वविद्यालय में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई थी, लेकिन प्रवेश द्वार पर पहचान पत्र की सख्त जांच आज भी नहीं होती।
पुलिस ने छात्रा के परिजनों से संपर्क कर लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। रहस्यमय परिस्थितियों में हुई इस मौत ने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
