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राज्यसभा में हंगामे को लेकर बरसे जेपी नड्डा, कहा- विपक्ष को चर्चा में कोई दिलचस्पी नहीं

राज्यसभा में बोलते हुए जे पी नड्डा

नई दिल्ली, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू होते ही विपक्ष ने बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सभापति के रूप में सस्मित पात्रा ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को विधायी कार्य पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया, लेकिन विपक्ष ने प्वाइंट ऑफ आर्डर की मांग की जिस पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का अवसर दिया।

खरगे ने कहा कि इस सदन में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआई) पर चर्चा के लिए समय दिया जाना चाहिए। इसपर सस्मित पात्रा ने कहा कि यह चर्चा के लिए सूचीबद्ध विधेयकों का हिस्सा नहीं है। एसआईआर पर चर्चा नियमों के तहत नहीं कराई जा सकती। इस पर खरगे सत्ता पक्ष पर “वोट चोरी” का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। सदन में विपक्ष के नेता की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का स्वस्थ लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं करता है। सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष संसद को चलने नहीं दे रहा है।संविधान के खिलाफ है। विपक्ष का व्यवहार उन्हें स्वस्थ लोकतंत्र में विश्वास नहीं। हम हर विषय पर चर्चा पर तैयार हैं लेकिन नियमों के अनुसार।

खरगे की इस बात की भी निंदा करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेता ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा करनी शुरू कर दी। संसद को बंधक बनाने की विपक्ष कोशिश कर रहा, लेकिन सदन पूरी तरह से चलेगी। यह नियमों के विरुद्ध है और इन टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। सदन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में तय नियम के अनुसार विधायी कार्य करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विपक्ष बाधा डाल रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने राज्यसभा के 64 घंटे 25 मिनट बर्बाद किए हैं। क्या यह जनता के पैसों की बर्बादी नहीं है? इन्हें बहस, चर्चा में कोई दिलचस्पी नहीं है। बस मीडिया में सुर्खियां चाहिए, इसलिए इन्होंने इस मुद्दे बिहार एसआईआर मुद्दे को प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के जरिए उठाया। इन टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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