Jharkhand

ओबीसी आरक्षण खत्म करने की झामुमो ने की साजिश : आजसू

आजसू की प्रेस वार्ता की तस्वीर

रांची, 24 जून (Udaipur Kiran) । आजसू पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाया है। आजसू ने कहा कि झामुमो ने पंचायत और नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की साजिश रची थी, जिसे आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने विफल कर दिया तो झामुमो बौखला गया है और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।

यह बातें मंगलवार को आजसू के केंद्रीय महासचिव डॉ लम्बोदर महतो और पार्टी नेता प्रवीण प्रभाकर ने प्रेस वार्ता के दौरान हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में कही

नेता द्वय ने कहा कि सुदेश महतो ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए हमेशा संघर्ष किया है, जबकि हेमंत सरकार की ओबीसी विरोधी साजिश के कारण पंचायत और नगर निकाय का चुनाव कई वर्षों से नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने कहा कि झामुमो का आजसू पर आरोप झूठ का पुलिंदा है। मुंह से बोलने से नहीं चलेगा। तथ्यों के आधार पर झामुमो बात करे और जनता को गुमराह करना बंद करे।

डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि सुदेश महतो ने पंचायत में 10 हजार पदों पर ओबीसी को आरक्षण दिया था, जिसे इस सरकार ने एकमुश्त समाप्त कर दिया है। हेमंत सरकार ट्रिपल टेस्ट के बिना ही पंचायत और नगर निकाय चुनाव करवाना चाहती थी, ताकि ओबीसी को आरक्षण नहीं देना पड़े। पंचायत चुनाव को लेकर सुदेश महतो की पहल पर आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट गए और कोर्ट ने निर्देश दिया तब जाकर यह सरकार ओबीसी के लिए ट्रिपल टेस्ट करा रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मार्च 2022 में भी स्पष्ट रूप से कहा था कि ओबीसी आरक्षण की बाध्यता नहीं है जिसका आजसू ने विरोध किया था।

प्रभाकर ने कहा कि झारखंड बनने के बाद सुदेश महतो और आजसू के प्रयास से राजग सरकार ने 2001 में ही ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। वर्ष 2021 में भी सुदेश महतो ने इस विषय पर विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प प्रस्ताव लाया था।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में विशेष परिस्थितियों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण पर सहमति जताई है। तमिलनाडु में 69 प्रतिशत, पूर्वोत्तर में 80 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू है। इसलिए झारखंड में भी कानून बनाकर 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण सीमा किया जाए ताकि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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