
रांची, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की सनसनीखेज और हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं है बल्कि यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मां, माटी, मानुष के नारे वाली सरकार के निकम्मेपन का सच है, जिसने बंगाल की धरती को बेटियों के लिए असुरक्षित बना दिया है।
राफिया नाज़ ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुष्कार्म की इस जघन्य वारदात की निंदा करते हुए कहा कि यह वही बंगाल है, जहां कुछ समय पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी को देश भूला नहीं है । अब दुर्गापुर में एक और बेटी अपनी हवस का शिकार बनाई गई।
उन्होंने सवाल उठाया कि एक तरफ हमारी बेटियां चांद तक पहुंच रही हैं, सेना के लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, हर क्षेत्र में देश का नाम रौशन कर रही हैं, तो क्या दूसरी तरफ एक निकम्मी और संवेदनहीन सरकार की वजह से हमारी बेटियों को डर के साए में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। क्या वे अपने कॉलेज परिसर के बाहर भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्हों ने कहा कि कहा कि दुर्गापुर की घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह कहना कि बेटियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए, अत्यंत शर्मनाक और गैर-जिम्मेदाराना है। यह बयान अपराधियों को संरक्षण देने और राज्य सरकार की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा है। मुख्यमंत्री का काम सड़कों को सुरक्षित बनाना है, न कि बेटियों को घर की चारदीवारी में कैद करना। यह बयान साबित करता है कि इंडी गठबंधन वाली बंगाल सरकार बंग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे सकती है, लेकिन अपनी बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती है।
राफिया ने आगे कहा कि झारखंड भी बंगाल के इंडी गठबंधन वाली सरकार के मॉडल पर चल रहा है। यहां महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के बढ़ते ग्राफ इसका प्रमाण है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। एनसीआरबी 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दुष्कंर्म के प्रयास के 1,521 और छेड़छाड़ महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के 2,217 मामले दर्ज हुए। वहीं, विवाहित महिलाओं के उत्पीड़न (दहेज उत्पीड़न) के भी 4,815 मामले सामने आए हैं। यह भयावह डेटा चीख-चीख कर बता रहा है कि झारखंड की हेमंत सोरेन-कांग्रेस गठबंधन सरकार में भी हमारी बहनें और बेटियां कितनी असुरक्षित हैं।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
