
जम्मू, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाल ही में आई बाढ़ के कारण लोगों को हुई कठिनाइयों को देखते हुए जम्मू नगर निगम के आयुक्त डॉ. देवांश यादव ने आज वार्ड संख्या 56 गंग्याल-बबलियाना और उसके आसपास के क्षेत्रों का व्यापक दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य वार्ड से गुजरने वाले प्रमुख नाले की स्थिति का आकलन करना था जिसे इलाके में बार-बार होने वाले जलभराव के प्रमुख कारणों में से एक माना गया है।
निरीक्षण के दौरान डॉ. यादव ने व्यक्तिगत रूप से नाले के संरेखण की जाँच की मौके पर मौजूद अधिकारियों से बातचीत की और स्थानीय निवासियों द्वारा उठाई गई शिकायतों को सुना। लोगों ने आयुक्त को बताया कि हर साल बरसात के मौसम में नाला ओवरफ्लो हो जाता है और पानी 200 से अधिक घरों में घुस जाता है, जिससे घरेलू संपत्ति को भारी नुकसान होता है और परिवारों को भारी असुविधा होती है। उन्होंने बताया कि नाले की दीवार की कम ऊँचाई और उसके किनारों पर अनधिकृत अतिक्रमण बाढ़ का मुख्य कारण हैं।
निवासियों ने बताया कि भारी बारिश के दौरान संकरी गलियों से कई फीट पानी रिहायशी इलाकों में घुस जाता है जिससे परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़ते हैं और सामान्य जीवन पूरी तरह ठप हो जाता है। विशेषकर बुज़ुर्ग नागरिकों और स्कूल जाने वाले बच्चों को ऐसी स्थिति में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
लोगों की चिंताओं को सुनने के बाद डॉ. यादव ने उन्हें आश्वासन दिया कि जम्मू नगर निगम इस लंबे समय से लंबित समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित इंजीनियरिंग कर्मचारियों को नाले के सीमांकन में तेज़ी लाने के निर्देश दिए ताकि इसकी सीमाएँ स्पष्ट रूप से परिभाषित हो सकें और दीवारों को चौड़ा और मज़बूत करने का काम जल्द से जल्द शुरू हो।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह कार्य बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए ताकि अगले मानसून में निवासियों को और नुकसान और परेशानी का सामना न करना पड़े। आयुक्त ने स्थानीय निवासियों से जम्मू नगर निगम को पूर्ण सहयोग देने की भी पुरज़ोर अपील की। उन्होंने नाले के किनारे हुए अतिक्रमणों को स्वेच्छा से हटाने का आग्रह किया और उन्हें याद दिलाया कि ऐसे निर्माण न केवल सफाई कार्यों में बाधा डालते हैं बल्कि बाढ़ को भी सीधे तौर पर बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि जल निकासी की समस्या का समाधान अकेले निगम नहीं कर सकता और लोगों का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जहाँ कहीं भी अतिक्रमण है, वहाँ के निवासियों को उन्हें हटाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि चौड़ीकरण और सफाई का काम सुचारू रूप से चल सके।
इंजीनियरिंग उपायों के अलावा डॉ. यादव ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में सफाई और जलभराव विरोधी गतिविधियों को तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उचित जल निकासी व्यवस्था से गंग्याल-बबलियाना और आसपास के इलाकों में जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि निगम सतत बुनियादी ढाँचे के विकास के माध्यम से निवासियों के कल्याण को प्राथमिकता देता रहेगा।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
