Jammu & Kashmir

ठप पड़े विकास कार्यों पर जेकेसीसीसी ने जताई चिंता, खनन प्रतिबंध हटाने और बकाया भुगतान की मांग

ठप पड़े विकास कार्यों पर जेकेसीसीसी ने जताई चिंता, खनन प्रतिबंध हटाने और बकाया भुगतान की मांग

जम्मू, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर कॉन्ट्रैक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन गुलाम जीलानी पुरज़ा ने सरकार से अपील की है कि वह तत्काल कदम उठाकर ठप पड़े विकास कार्यों को पुनः शुरू करवाए। उन्होंने कहा कि कच्चे माल पर जारी प्रतिबंध, ठेकेदारों के लंबित भुगतानों और खनन नीति से जुड़ी पुरानी समस्याओं के कारण निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

पुरज़ा ने बताया कि भारत सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत 10,000 करोड़ रूपये से अधिक और पीएमजीएसवाई के तहत 4,000 करोड़ रूपये के अलावा कई शहरी विकास और टाउन प्लानिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसके बावजूद, रेत, बजरी और अन्य खनिज सामग्री पर प्रतिबंध के चलते कार्य लगभग ठप हो चुके हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय ठेकेदारों को कार्य में देरी पर ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जाती है, जबकि आवश्यक सामग्री तक पहुँच ही रोक दी गई है। जब सारी खदानें सील हैं तो काम समय पर कैसे पूरा होगा? हम अवैध खनन नहीं, बल्कि वैध और नियंत्रित स्रोतों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बाहरी कंपनियों को मिल रही सुविधाओं पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि रिंग रोड परियोजना जैसी योजनाओं के लिए बाहर की एजेंसियों को बिना रोक-टोक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि स्थानीय ठेकेदारों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। पुरज़ा ने कहा कि ठेकेदारों को खजाने से भुगतान पाने में पहले जहाँ 3-4 दिन लगते थे, वहीं अब 2-3 महीने की देरी हो रही है। इससे श्रमिकों में बेरोजगारी और ठेकेदारों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछली सरकारों के समय किए गए कार्यों का बड़ा बकाया अब तक नहीं मिला है।

चेयरमैन ने उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और खनन, आरएंडबी व वित्त मंत्रियों से अपील की कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर खनन प्रतिबंध हटाएँ, वैध स्रोत सुनिश्चित करें, ठेकेदारों के लंबित भुगतान जारी करें और भेदभाव खत्म कर स्थानीय ठेकेदारों को भी बराबर का समर्थन दें।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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