
भोपाल, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार काे मुख्यमंत्री डाॅ. माेहन यादव काे एक पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से जीतू पटवारी ने लाड़ली बहना याेजना, भावांतर भुगतान याेजना और मंडी टैक्स बढ़ाये जाने के प्रस्ताव जैसे मुद्दाें पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार काे घेरते हुए तीखा प्रहार किया है। उन्हाेंने कहा है कि मध्य प्रदेश की जनता को आप पर विश्वास था कि “डॉ.” उपाधि के साथ सत्ता में आने वाला व्यक्ति “संवेदनशीलता और सत्यनिष्ठा” से शासन करेगा। लेकिन, जिस तरह आपकी सरकार किसानों और महिलाओं के साथ व्यवहार कर रही है, उसने यह विश्वास पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है!
जीतू पटवारी ने अपने पत्र में कहा कि ‘लाड़ली बहन योजना’ को लेकर भी आपकी सरकार का दोहरापन फिर सामने आ चुका है! आपने भाईदूज पर लाड़ली बहनों के खाते में ₹250 भेजने की घोषणा की थी! प्रदेशभर से महिलाओं को राजधानी बुलाया भी गया, लेकिन वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मिलने और बजट के संकट के चलते बहनों के खाते खाली रह गए! क्या यही मध्य प्रदेश में “आत्मनिर्भर महिला” बनाने का सरकारी-संकल्प है? ? उन्हाेंने कहा कि प्रदेश की जनता पूछ रही है, जब हर महीने हजारों करोड़ का कर्ज लिया जा रहा है, तो जनता की योजनाओं में धनराशि क्यों रुक रही है? किसानों के लिए राहत की योजनाएं क्यों “राजनीतिक घोषणाएं” बनकर रह गई हैं? महिलाओं के स्वाभिमान की “लाड़ली बहन योजना” क्यों बजट की कमी का शिकार हो रही है?
भावांतर याेजना काे लेकर जीतू पटवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आपकी सरकार ने भावांतर भुगतान योजना के लिए मंडी बोर्ड से ₹1500 करोड़ की मांग की है, तो कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने यह साफ कह दिया कि मंडी बोर्ड के पास इतनी आय नहीं है! तब समाधान के नाम पर मंडी शुल्क 1% बढ़ाकर किसानों पर ही अतिरिक्त बोझ डालने का सुझाव सामने आया! यह वही भाजपा सरकार है, जो मंचों पर किसानों को राहत देने का दावा करती है, लेकिन हर बार निर्णय किसान की जेब खाली करने का लेती है। पीसीसी चीफ ने कहा कि केवल जुलाई 2023 से सितंबर 2025 के बीच प्रदेश सरकार ने कुल ₹1.12 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नया कर्ज लिया है! औसतन हर महीने ₹5,000 से ₹5,500 करोड़ का कर्ज लेकर भी यदि सरकार के खजाने में रकम नहीं है, तो यह स्पष्ट है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति अव्यवस्था और अराजकता के चरम पर पहुंच चुकी है! अब समय आ गया है कि आप सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर ही लें कि हमारा मध्य प्रदेश और आपका शासन अब वित्तीय अराजकता के एक ऐसे मोड़ पर है, जहां जनता की उम्मीदें टूट रही हैं और “सत्ता के वादे” झूठे साबित हो रहे हैं!
जीतू पटवारी ने कहा कि यह मेरा आग्रह नहीं, बल्कि आक्रोश से भरी स्पष्ट अभिव्यक्ति है कि सरकार किसानों के भावांतर और लाड़ली बहना योजना में तुरंत पारदर्शिता और धनराशि की गारंटी नहीं देती, तो कांग्रेस प्रदेश के हर गांव-कस्बे और हर मंडी-बाजार में इस वित्तीय पाखंड और कर्ज/कमीशन/करप्शन के खिलाफ जनता को सरकार की खुली एवं खाली तिजोरी दिखाएगी!
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
