
नई दिल्ली, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने व्यापार समझौतों, प्रोत्साहन योजनाओं, रसद सुधारों और जमीनी स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भागीदारी को मजबूत करने के प्रयासों को आगे बढ़ाया है। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के माध्यम से बाजा पहुंच बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। मुख्य रूप से भारत ने 24 जुलाई को यूनाइटेड किंगडम के साथ व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस बीच भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है, जिसे वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से की गई पहलों से कई क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम हुई है और निर्यात को प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने बताया कि पीएलआई योजना के तहत 21 परियोजनाओं ने 54 अलग चिकित्सा उपकरणों का निर्माण शुरू कर दिया है। मंत्री ने कहा कि पीएलआई योजना ने भारत में मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र को विशेष रूप से प्रभावित किया है, जिससे मोबाइल फोन का निर्यात 2014-15 में 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसके अलावा फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र में 2.66 लाख करोड़ रुपये की कुल बिक्री हुई है, जिसमें योजना के शुरुआती तीन वर्ष में प्राप्त 1.70 लाख करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
