Jharkhand

झारखंड पुलिस ने 25 वर्षों में 10769 नक्सलियों को किया गिरफ्तार, 14701 हथियार बरामद

प्रेस वार्ता की तस्वीर

रांची, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड पुलिस ने 25 सालों में कार्रवाई करते हुए 10769 नक्सलियों और उग्रवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। साथ ही 1471 हथियार बरामद किए जिनमें 710 पुलिस से लूटा हुआ हथियार शामिल है।

आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता डॉ एस माइकल राज ने गुरुवार रात को प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूसरी तरफ सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित और पुलिस की दबिश से परेशान होकर 324 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया।

झारखंड पुलिस के रिपोर्ट के मुताबिक साल 2001 से लेकर 2010 तक मुठभेड़ में एक भी नक्सली नहीं मारे गए थे। इसके बाद 2011 में 17, 2012 में 04, 2013 में 13, 2014 में 10, 2015 में 25, 2016 में 21, 2017 में 12, 2018 में 26, 2019 में 26, 2020 में 14, 2021 में 06, 2022 में 11, 2023 में 09, 2024 में 09 और 2025 में सितम्बर महीने तक 32 नक्सली मारे गए।

झारखंड में एसआरई जिले की संख्या की बात की जाए तो साल 2005 में 16 थे, 2012 में बढ़कर 21 हो गए, इसके बाद 2016 में 22, फिर 2018 में घटकर 19, 2021 में 16, 2024 में 11 और 2025 में 04 है। वहीरं झारखंड में कुल 584 थाना और 91 ओपी है

झारखंड में आईपीएस के 158 पद है स्वीकृत

झारखंड में वर्तमान में आईपीएस के 158 पद हैं स्वीकृत जो राज्य गठन के समय 135 थी। दूसरी तरफ डीएसपी के स्वीकृत पदों की बात की जाए तो साल 2000 में डीएसपी के 145 पद स्वीकृत थे। वहीं, साल 2025 तक डीएसपी का 391 पद स्वीकृत है, सीनियर डीएसपी 38 पद स्वीकृत है, एएसपी का 39 और एसपी का चार पद स्वीकृत है।

इसके अलावा झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा हजारों बिल्डिंग का निर्माण कराया गया, जिनमें 2547 क्वार्टर, 61 डीएसपी आवास, 07 सात एसपी आवास, 05 कमांडेंट आवास, 414 थाना और 15386 बैरक शामिल है।

राज्य गठन के बाद स्थापित किये गये संस्थाएं

– झारखंड जगुआर (एसटीएफ) नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए विशेष रूप से गठित जिसमें कुल 40 टीमें कार्यरत है।

– एसआईएसएफ राज्य में ओधौगिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए गठित जिसमें कुल 14 यूनिट कार्यरत है।

– एटीएस की स्थापना उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई और नियंत्रण के साथ संगठित अपराधी गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए किया गया।

– एसआईबी की स्थापना विशेष रूप से नक्सलियों की गतिविधि के संबंध में आसूचना संकलन कर प्रभावी कार्रवाई के लिए किया गया।

– एसआईआरबी की स्थापना नक्सल उन्मूलन अभियान, कानून व्यवस्था संधारण व विकास कार्यों की सुरक्षा के लिए किया गया।

– सैप वाहिनी की स्थापना राज्य सशस्त्र बल की सहायता, सुरक्षा, कानून व्यवस्था संधारण के लिए किया गया।

– सीआईएटी की स्थापना राज्य पुलिस बल को नक्सल उन्मूलन के लिए विशेष प्रशिक्षण के लिये किया गया।

– आईटीएस की स्थापना अनुसंधान, कानून व्यवस्था संधारण, अपराध नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण के लिए किया गया।

-सीटीसी मुसाबनी की स्थापना पुलिस आरक्षी के प्रशिक्षण के लिए किया गया।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे