
रांची, 10 अक्टूबर( हि.स.)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के सारंडा जंगल में करोड़ों रुपये के इनामी नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर को रांची स्थित सीआरपीएफ कैंप में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखंड के मुख्य सचिव अनिनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता, आईजी सीआरपीएफ सहित कई अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीआरपीएफ की 133वीं बटालियन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम सलामी दी। उनके साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी, आईजी सीआरपीएफ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने इस मौके पर महेंद्र लश्कर के बलिदान को याद करते हुए कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के अद्वितीय योगदान को राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता है।
दरअसल, आईईडी विस्फोट की वजह से शहीद हुए महेंद्र लश्कर असम राज्य के रहने वाले थे। इसी साल जुलाई महीने में झारखंड के गोमिया में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में बलिदान हुए जवान प्रानेश्वर कोच भी असम के रहने वाले थे। उनकी पोस्टिंग 209 कोबरा बटालियन में थी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की देर रात चाईबासा के मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों की ओर से किए गए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ 60 बटालियन के इंस्पेक्टर सहित तीन जवान घायल हो गए थे। इलाज के दौरान ही हेड कांस्टेबल महेंद्र बलिदान हो गये। बलिदान हुए जवान के पार्थिव शरीर को असम सरकार को दिया गया। उनका पार्थिव शरीर आगे उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
