
झज्जर, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । छुड़ानी गांव में धान की लगभग 500 एकड़ फसल पानी में डूब गई है। अगर तेजी से जल निकासी (डिवाटरिंग) शुरू नही हुई तो गांव के भी डूबने का खतरा हो सकता है। सोमवार को स्थिति और खराब हो गई। डहरी क्षेत्र से होते हुए पानी थली क्षेत्र के खेतों को भी अपनी चपेट में ले चुका है। दरअसल पंप हाउस से मातन लिंक ड्रेन का पानी पिछले कई दिनों से बेहद कम पंप किया जा रहा था जो आज से पूरी तरह बंद कर दिया गया है। मातन लिंक ड्रेन में 135 से 150 क्यूसिक पानी आ रहा है जो छुड़ानी गांव में लिंक ड्रेन के किनारे तोड़कर खुला बहने लगा है। पंप हाउस से डिवाटरिंग अब पूरी तरह बंद कर दी गई है। जिसके कारण मातन लिंक ड्रेन जगह जगह ओवरफ्लो होकर और टूट कर खेतों में बहने लगी है। किसान अजीत सिंह, लाला, जगदीश और काला ने बताया कि मातन लिंक ड्रेन के पानी को पंपिंग के जरिए केसीबी ड्रेन में डालने के लिए 130 क्यूसिक क्षमता का पंपिंग स्टेशन बना रखा है। बिजली का कनेक्शन भी है और जनरेटर भी लगा रखा है। लेकिन पूरी व्यवस्था को ठप कर दिया गया है। केसीबी को बचाने के लिए छुड़ानी गांव के किसानों को डुबोया जा रहा है। किसानों ने बताया कि सिंचाई विभाग की सिविल विंग के अधिकारियों ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए छुड़ानी गांव को डूबोने का प्लान बनाया है। इसीलिए उन्होंने मातन लिंक ड्रेन से पानी की पंपिंग, डिवाटरिंग को बंद करवा दिया है। बादली डिविजन सिंचाई विभाग के एसडीओ वेदपाल का कहना है कि उन्होंने तो केसीबी के खतरे के निशान पर आने के चलते एहितायातन मैसेज दिया है लेकिन मातन लिंक ड्रेन से पंपिंग की पूरी जिम्मेदारी मैकेनिकल डिविजन की है । उधर सिंचाई विभाग की मैकेनिकल डिविजन के एक्सईएन सतीश कुमार का कहना है कि केसीबी ड्रेन से जुड़े अधिकारियों के निर्देश पर मातन लिंक ड्रेन से डिवाटरिंग को बंद करने के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि केसीबी ड्रेन को बचाना जरूरी है इसलिए अगर एक छोटे पॉकेट में किसान प्रभावित होतें हैं तो ऐसा करना जरूरी है।एसई सतीश कुमार का कहना है कि केसीबी ड्रेन से जुड़े अधिकारियों के दिशानिर्देशों के तहत की मातन लिंक ड्रेन से डिवाटरिंग बंद करवाने के आदेश दिए हैं। केसीबी ड्रेन को बचाने के लिए ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर मातन लिंक ड्रेन टूटती है तो एक छोटा क्षेत्र की प्रभावित होगा।
उधर, सिंचाई विभाग के एसई बलराज ने बताया कि उनकी तरफ से डिवाटरिंग को पूरी तरह बंद करने के सम्बंध में कोई दिशानिर्देश नही दिए गए हैं। एक्सईएन बहादुरगढ़ और सांपला इस मामले को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रेन को बचाने के लिए कुछ व्यवस्थाएं करना जरूरी है लेकिन डिवाटरिंग को पूरी तरह बंद नही किया जा सकता।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
