
झज्जर, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पूर्वांचल वासियों की आस्था के महापर्व छठ का बहादुरगढ़ क्षेत्र में मंगलवार सुबह हर्ष और उत्साह के साथ समापन हुआ। उदय होते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर जिला में छोटे बड़े 100 से अधिक घाटों पर तीन लाख से अधिक व्रतधारियों ने 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारंपरिक विधिविधान से समापन किया। इस दौरान घाटों पर छठी मैया के जयकारों से वातावरण गूंज उठा और भक्ति भाव से पूरा माहौल सराबोर हो गया।
सुबह के समय छठ घाटों पर महिलाओं ने पीत वस्त्र धारण कर नदी, तालाब और कृत्रिम घाटों पर खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्योदय से कुछ देर पहले और बाद तक भी श्रद्धालुओं ने छठ पूजा घाटों पर जमकर आतिशबाजी की। व्रती माताओं, बहनों व पुरुषों ने अपने परिवार की सुख समृद्धि, संतान की दीर्घायु और क्षेत्र के कल्याण की कामना की। आसपास के लोग भी श्रद्धा से सहभागी बने और छठ घाटों पर भजन कीर्तन की गूंज से वातावरण आध्यात्मिक बना रहा।
पूर्वांचल परिषद हरियाणा के अध्यक्ष प्रदीप सिन्हा ने कहा कि छठ महापर्व सूर्य उपासना का पर्व है, जिसमें भक्त सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि छठी मैया संतान की रक्षक हैं और जो भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसके घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है। यह पर्व न केवल प्रकृति और मानव के बीच के अटूट संबंध का प्रतीक हैए बल्कि आत्मसंयमए स्वच्छता और आस्था का अद्भुत संगम भी है।
बहादुरगढ़ में बहादुरगढ़ वॉटर सप्लाई चैनल, सैनिक नगर के पास, सोमानी फैक्ट्री के पास, छोटू रामनगर में और सूर्य मंदिर के पास छठ पूजा घाट बनाए गए थे।
इस अवसर पर विभिन्न छठ समितियों द्वारा घाटों की विशेष सजावट की गई थी। दीपों और फूलों से सजे घाटों पर भक्तों ने पारंपरिक गीत गाए और सामूहिक आरती में भाग लेकर छठ मैया से अपने जीवन में मंगल की प्रार्थना की।
—————
(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज