Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में खाद संकट पर जीतू पटवारी का सरकार पर हमला, गंभीर आराेप लगाए

जीतू पटवारी फाइल फाेटाे

भोपाल, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में खाद की कमी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर हमला बाेला है। पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश के कई जिलों में बुवाई के सीजन में किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। किसान सुबह चार बजे से खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े हैं, लेकिन अधिकतर किसानों को चार-पांच बोरी खाद भी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन केवल टोकन बांटने तक सीमित है, जबकि ज़मीनी हकीकत में खाद की उपलब्धता लगभग शून्य है।

जीतू पटवारी ने मंगलवार काे मीडिया दिए अपने बयान में कहा कि पिछले एक महीने में धार, सीहोर, गुना, रहली, मुरैना, बड़वानी जैसे जिलों में किसानों ने प्रशासन, व्यापारियों और नेताओं की मिलीभगत से हो रही खाद की कालाबाजारी के खिलाफ खुलेआम विरोध-प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसानों ने भैरूंदा-सीहोर रोड जाम किया, कृषि मंडियों में लंबी लाइनें लगीं और सागर के रहली में किसानों को टोकन के बावजूद खाद नहीं मिला। बड़वानी व खंडवा में खाद की तस्करी के मामले सामने आए हैं, जिससे किसानों का गुस्सा सरकार पर फूट पड़ा है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह संकट कोई नया नहीं है। पिछले पांच वर्षों से हर खरीफ और रबी सीजन में यही स्थिति बनी हुई है। पटवारी के मुताबिक, किसान कभी आपूर्ति कम होने पर भटकते हैं, कभी प्रशासन की अनदेखी के शिकार होते हैं और कभी कालाबाजारी के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। उन्होंने 2024 में अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन में बाधा के कारण डीएपी की उपलब्धता में 25% गिरावट का हवाला देते हुए कहा कि इस साल भी जून-जुलाई के पीक सीजन में किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिला।

पटवारी ने सरकार से पूछा है कि आखिर किसानों को हर साल सिर्फ वादे और टोकन ही क्यों मिलते हैं, वास्तविक राहत और आपूर्ति कब दी जाएगी? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सप्लाई चेन में पारदर्शिता नहीं है, कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई नहीं हो रही और जरूरतमंद किसानों तक खाद पहुंचने में लगातार प्रशासन नाकाम रहा है। पटवारी ने मांग की है कि सरकार इस गंभीर संकट पर स्पष्ट जवाब दे और तत्काल ठोस कदम उठाते हुए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे, वरना प्रदेश के लाखों किसानों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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