
जौनपुर ,14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।सिरकोनी विकास खंड की ग्राम पंचायत विशुनपुर मझवारा में मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपये के गबन का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता रमेश कुमार चौबे ने ग्राम प्रधान, सचिव और जेई पर मिलीभगत कर बिना कार्य कराए ही वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में कुल 42.33 लाख रुपये का भुगतान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन करते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।रमेश कुमार चौबे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में चक के समतलीकरण और मेड़बंदी के नाम पर फर्जी भुगतान किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 जून 2025 को 1,58,760 रुपये का भुगतान बिना किसी कार्य के किया गया। इसी तरह, गवाह हरिनाथ और इनराज के चक के समतलीकरण और मेड़बंदी के लिए 17 जुलाई 2025 को 98,784 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।शिकायतकर्ता ने बताया कि अगस्त 2025 तक इसी वित्तीय वर्ष में अन्य 17 लोगों के चक के समतलीकरण और मेड़बंदी के नाम पर कुल 19,18,456 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। आरोप है कि कुछ मामलों में बिना कार्य के ही भुगतान कर दिया गया, जबकि कुछ अन्य मामलों में केवल कुछ मजदूरों को लगाकर फोटो खींचकर और मामूली खर्च कर कागजी खानापूर्ति की गई। इन सभी भुगतानों की सूची प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न की गई है।वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी कुल 20,57,000 रुपये के गबन का आरोप है। यह राशि सात विभिन्न कार्यों (बंधा एवं समतलीकरण) के नाम पर भुगतान की गई थी। रमेश कुमार चौबे ने दावा किया कि इन सभी कार्यों पर मनमाने और फर्जी तरीके से भुगतान किया गया। कागजों में बड़ी संख्या में मजदूरों को काम पर दिखाया गया, जबकि मौके पर केवल कुछ मजदूर लगाकर फोटो खींचकर कागजी कोरम पूरा किया गया और फर्जी भुगतान किए गए। मौके पर पहुंचे परियोजना निदेशक ,डीसी मनरेगा और सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह ने धरना स्थल पर पहुंच कर पीड़ित की आश्वासन दिया कि दो दिन में उनको जांच रिपोर्ट मिल जाएगी यदि वो संतुष्ट नहीं है तो जिलाधिकारी से अपनी बात रख सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
