RAJASTHAN

जेडीए का विस्तार, नए जोनों में लगाए डीसी लगाए, इंजीनियरिंग के पद खाली

जेडीए

जयपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । जयपुर विकास प्राधिकरण की सीमा का हाल ही में विस्तार किया गया है। जेडीए सीमा में 693 नए गांव शामिल किए गए है। जेडीए सीमा में विस्तार के बाद 27 जोनों की सीमा का निर्धारण करने के साथ ही जोन उपायुक्त सहित अन्य अधिकारी भी लगा दिए गए है, लेकिन विकास के काम से जुड़े एक्सईएन सहित अन्य अधिकारियों को खाली पड़े जोनों में नियुक्ति नहीं दी गई है। इससे नए जोनों में विकास को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं बन पाई है।

वर्तमान में जेडीए में प्रवर्तन अधिकारी पर्याप्त संख्या में नहीं है। इसके बावजूद नए जोनों का कार्यभार वर्तमान में तैनात प्रवर्तन अधिकारियों को ही दिया गया है। इससे वे जेडीए के विस्तार वाले क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे है। जेडीए की नई सीमा निर्धारण कर सभी 27 जोनों में उपायुक्त, तहसीलदार, पटवारी, कनिष्ठ अभियंता, वरिष्ठ सहायक और कनिष्ठ सहायकों को भी कार्यभार सौंप दिया गया है। जेडीए में बड़ी संख्या में एक्सईएन बिना काम के कुर्सी तोड़ कर रहे है। उनके पास फिलहाल किसी भी जोन का जिम्मा नहीं है। इसमें प्रमोशन होकर नए बने एक्सईएन के साथ यूडीएच सेवा के अधिकारी शामिल है। वर्तमान में कई अन्य अधिकारी भी प्रमोशन की कतार में खड़े है। वर्तमान में जेडीए में पूर्व में बने 18 जोनों में ही एक्सईएन सहित अन्य अधिकारी तैनात है। इन जोनों में 1 से 14 और पीआरएन के जोन शामिल है। ऐसे में करीब 9 जोन ऐसे है जहां पर अधिकारी तैनात नहीं है।

गौरतलब है कि नए परिसीमन के बाद जेडीए का दायरा अब जयपुर जिले के अलावा कोटपूतली-बहरोड़ जिले तक बढ़ गया है। इसमें विराटनगर तहसील के 9 गांवों को शामिल किया गया है। इसके अलावा 17 तहसीलों के 632 गांवों को भी शामिल किया गया है। इससे जेडीए रीजन में गांव आने का सबसे ज्यादा फायदा रोड नेटवर्क को लेकर होगा। वहीं, अब इन गांवों में बसने वाली योजनाओं को मंजूरी और जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन (कृषि से अकृषि उपयोग) की मंजूरी भी जेडीए स्तर पर दी जाएगी। जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू नगर पालिका के मास्टर प्लान के गांवों को भी शामिल किया गया है। आंधी, बस्सी, चाकसू, चौमूं, दूदू, जालसू, जमवारामगढ़, जोबनेर, कोटखावदा, किशनगढ़-रेनवाल, माधोराजपुरा, विराटनगर, तूंगा, शाहपुरा, फुलेरा, फागी, मौजमाबाद तहसीलों के कुल 632 गांवों को इसमें शामिल किया गया है। वहीं 47 उन गांवों को शामिल किया है, जो जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू नगर पालिका के मास्टर प्लान में शामिल थे। इन्हें अब जयपुर जेडीए में शामिल किया गया है। जयपुर, चौमूं और सांगानेर तहसील के 14 गांव जो पहले जेडीए रीजन में शामिल होने से रह गए थे, उन्हें भी शामिल किया गया है। गांवों की कनेक्टिविटी दूसरे गांवों, कस्बों और शहरों से आसान बनेगी। ग्रामीण इलाकों में होगा विकास, पैदा होंगे रोजगार के अवसर जेडीए रीजन में गांव आने का सबसे ज्यादा फायदा रोड नेटवर्क को लेकर होगा। आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां आबादी बढ़ गई है। लेकिन इसके अनुरूप सेक्टर रोड नहीं हैं। 80 फीट या उससे ज्यादा चौड़ाई की सड़कों का निर्माण जेडीए स्तर पर ही करवाया जाता है। इससे इन गांवों की कनेक्टिविटी दूसरे गांवों, कस्बों और शहरों से आसान बनती है।गावों का विकास होगा तो आमजन को नए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर, प्रशासन जेडीए डॉ. प्रिया बलराम का कहना है किजेडीए विस्तार के बाद बने जोनों में उपायुक्त तो लगा दिए है। विकास से जुडे कामों के लिए एक्सईएन सहित अन्य अधिकारियों को जल्द नियुक्त किया जाएगा।

—————

(Udaipur Kiran) / राजेश