
जम्मू, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू प्रोविंस बचाओ मंच (जेबीएम) ने केंद्र सरकार से पुरजोर मांग की कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और उसे अनुच्छेद 371 के अंतर्गत संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया जाए। मंच ने कहा कि पूर्ववर्ती रियासत के लोगों की उम्मीदें लंबे समय से अधर में लटकी हैं और अब और इंतजार संभव नहीं है। जम्मू में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मंच के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व विधायक अशोक शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत में विलय उस समय हुआ जब यह एक स्वतंत्र रियासत था। महाराजा हरि सिंह ने विशेष शर्तों के तहत भारत से विलय किया था जिसे अनुच्छेद 370 के रूप में संवैधानिक मान्यता मिली थी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद राज्य का दर्जा खत्म कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाना यहां की जनता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कदम था।
मुख्य सलाहकार डॉ. कुलदीप शर्मा ने चेताया कि यदि केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा और अनुच्छेद 371 जैसे संरक्षण नहीं दिए तो जनता का धैर्य जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा कि जमीन पर नाराज़गी साफ दिखाई दे रही है। सरकार को जनता की भावनाओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उपाध्यक्ष सतीश पूंछी ने युवाओं की दुर्दशा की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि बेरोजगारी और अनिश्चितता के माहौल में युवाओं का भविष्य खतरे में है। उन्होंने कहा, जब युवा हताश होते हैं, तो देश कैसे प्रगति करेगा? अंत में अशोक शर्मा ने सभी सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों से इस मांग को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा, यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि पहचान, आत्मसम्मान और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई है। हम शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक हमारी मांग को मान्यता नहीं मिलती।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
