


— अधिवेशन में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक प्रस्तावों को रखा गया
मथुरा, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की कान्हा नगरी मथुरा के कोसीकलां में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर चुन लिया गया है। इसकेअलावा अधिवेशन
में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक प्रस्ताव भी रखाे गए।
रालोद के उत्तर प्रदेश के प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने रविवार को बताया कि रालोद के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों और उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से चुना गया है। रालोद का यह निर्णय भाईचारा, एकता, समानता और अधिकार आधारित राजनीतिक सोच को और मजबूत करता है।
राष्ट्रीय अधिवेशन में जयंत चौधरी को फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय को लेकर प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि इस फैसले से रालोद की वैचारिक दिशा को वो मजबूती मिली है, जो भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की किसान केंद्रित नीतियों और सामाजिक न्याय पर आधारित राजनीतिक सोच तथा चौधरी अजीत सिंह की आधुनिक, प्रगतिशील और जनहितकारी दृष्टि ने वर्षों से समाज के सामने रखी। इन्हीं विचारों से प्रेरित होकर, संगठन ने यह दायित्व चौधरी जयंत सिंह को सौंपा गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने बताया कि चौधरी जयंत सिंह की आधुनिक सोच, किसान, युवा, महिला केंद्रित दृष्टि, और सर्वसमावेशी राजनीति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता रालोद को नई ऊर्जा, नई दिशा और तेजी प्रदान करेगी। उनके नेतृत्व में संगठन जनता की आकांक्षाओं, अधिकारों और अवसरों की बराबरी के लिए और अधिक प्रभावी तरीके से कार्य करने को तैयार है।
रालोद व्यापार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि पार्टी परिवार चौधरी जयंत सिंह को इस महत्वपूर्ण दायित्व के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता है तथा यह संकल्प लेता है कि सभी साथी मिलकर रालोद को और अधिक मजबूत, संगठित और जनहित केंद्रित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
राष्ट्रीय अधिवेशन में रखे गए प्रस्ताव
मथुरा में हुए रालोद के राष्ट्रीय अधिवेशन में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक प्रस्तावों को रखा गया। राजनीतिक प्रस्ताव में मुख्य रूप से युद्ध एवं अशांति के मौजूदा दौर में वैश्विक राजनीति में देश की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए केंद्र सरकार प्रशंसा की पात्र है। मतदाता सूची की विसंगतियों को दूर करने की प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग का सहयोग करने पर सहमति जताई गई। वहीं एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि अमेरिकी टैरिफ के जवाब में आर्थिक संबंधों का विस्तार कर देश को आर्थिक संकट से बचाने के लिए केंद्र सरकार प्रशंसा की हकदार है।
राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित आर्थिक प्रस्ताव में कृषि भूमि का विभाजन एवं पलायन रोकने के लिए युवाओं को गांव—कस्बे में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग और जल दोहन पर नियंत्रण के लिए फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इसके अलावा किसानों को पर्यावरण अनुकूल खेती के लिए प्रोत्साहित करने की भी बात हुई है।
रालोद के अधिवेशन में रखे सामाजिक प्रस्तावों में युवाओं के शारीरिक, मानसिक विकास एवं आर्थिक तरक्की के लिए खेलों को बढ़ावा देने, युवाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ने की आयु 18 वर्ष करने और महिलाओं के लिए सामाजिक सम्मान एवं राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने की बात की गई है। इसके साथ ही समाज के वंचित वर्गों को विकास का न्यायोचित लाभ दिलाने वाली सामाजिक नीति का निर्माण किया जाए।
इस दौरान राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी, महासचिव अनिल दुबे, प्रदेश महासचिव अंकुर सक्सेना, आरूषी, अमन पांडेय समेत पार्टी के पदाधिकारी एवं भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा