
मंडी, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला में इस बार की बरसात में सबसे ज्यादा तबाही सराज विधान सभा क्षेत्र में हुई है। लेकिन उसके साथ ही द्रंग विधानसभा क्षेत्र में भी लगभग सराज के बराबर तबाही हुई है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए जवाहर ठाकुर ने कहा कि यह सदी की सबसे बड़ी और देर तक चलने वाली बरसात थी, जिसे हमारी अगली पीढ़ियां भी याद रखेगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस बार सुम्रद तल से छह हजार और नौ हजार फुट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, भूधंसाव और जमीन में दरारें पड़ने की घुटनाओं से भारी तबाही हुई है। जिसके चलते मंडी जिला में कई लोगों की जानें गई है, इसके अलावा किसानों और बागवानों को भी बहुत नुक्सान हुआ है। सेब, आलु, गोभी, राजमाह आदि की फसलें तबाह हुई है।
उन्होंने कहा कि बरसात के दूसरे चरण में द्रंग विधानसभा क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। अगर सराज में तबाही का आंकड़ा 90 प्रतिशत है तो द्रंग में यही तबाही 80 फीसदी हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद द्रंग विधानसभा क्षेत्र में हुए नुक्सान का आंकलन अभी तक नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि न तो सता पक्ष और न ही विपक्ष इस त्रासदी में लोगों के आंसू पोंछने नहीं आया है।
जवाहर ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी द्रंग के लोगों की सुध लेने नहीं आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आपदा में द्रंग विधानसभा क्षेत्र लावारिस छोड़ दिया गया है। जवाहर ठाकुर ने कहा कि हाल ही में नेताप्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने द्रंग क्षेत्र का दौरा कर राहत सामग्री बांटी । उन्होंने कहा कि क्या ही अच्छा होता जयराम ठाकुर प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर द्रंग क्षेत्र में हुए नुक्सान का जायजा लेते और जिनका नुक्सान हुआ है उन्हें सही मायने में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को गति प्रदान करते।
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने चुनाव से पहले कहा था कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र मेरी जिम्मेदारी है। अब वे अपने वादे को पूरा करते हुए द्रंग विधान सभा क्षेत्र की जिममेदारी को निभाए। उन्होंने कहा कि द्रंग में न तो विधायक नजर आ रहे हैं और न ही पांच लाख से भी ज्यादा मतों से जीती सांसद को भी द्रंग के लोगों ने नहीं देखा।
उन्होंने कहा कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र में चौहारघाटी से लेकर उत्तरसाल कटौला, औट उप तहसील सनोर, बदार क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण सड़कें बंद पड़ी है। कटौला का बाजार धंसने के कगार पर है। इसके अलावा कई गांव इस बार की बरसात में धंसने लगें है, उनके बचाव के लिए कोई भी उपाय प्रशासन की ओर से नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशन की किटें बांटने से समस्या का समाधान नहीं होगा, मात्र दो दिन की रोटी से लोगों का गुजारा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में द्रंग में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही नजर नहीं आ रहे हैं, यह लोगों के लिए चिंता का विषय है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
