
जयपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । जवाहर कला केंद्र जयपुर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय ‘म्यूज़िकल सिम्फनी’ कार्यक्रम का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन की प्रस्तुति अद्भुत रही जिसके जरिए कलाकारों ने संगीत के सौंदर्य से कलाप्रेमियों को सराबोर करते हुए सभी को नयी ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दिया। मंच उन कलाकारों के नाम रहा जो भावनाओं के साथ दुनिया को देखते हैं और नकारात्मकता के अँधेरे की उनके जीवन की कोई जगह नहीं है। दरअसल, रंगायन के मंच पर पंजाब, गुजरात और अरुणाचल प्रदेश से आए दृष्टिबाधित दस कलाकारों के तीन बैंड्स की परफॉरमेंस हुई। हारमोनी नामक इस परफॉरमेंस ने सभी को भावविभोर कर दिया। संगीत और संवेदना के संगम से सजी इस शाम में कलाकारों ने संगीत के माध्यम से एकता, उत्साह और आत्मविश्वास का सुंदर संदेश दिया।
गुजरात से आए कलाकारों ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए लता मंगेशकर के लेजेंड्री गीतों को अपनी प्रस्तुति में शामिल किया। अंकिता चौहान और राजेश ठाकुर ने ‘नैनों में बदरा छाए’ गीत से मिठास घोली। इसके बाद ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है’ गीत ने माहौल को जीवंत कर दिया। इसके बाद भक्तिमय माहौल बनाते हुए उन्होंने ‘राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे’ भजन की प्रस्तुति दी गयी। वहीं, राजस्थानी गीतों का सुरीला मैशअप प्रस्तुत कर कलाकारों ने राजस्थानी संस्कृति के रंग में सभी को रंग दिया। इस प्रस्तुति में संजय जाधव ने तबले पर और सुजीत परमार ने ऑक्टोपैड पर संगत की।
इसके बाद कार्यक्रम का रुख पंजाब की ओर हुआ और चंडीगढ़ से आए कलाकारों ने ‘मैं तैनूं समझावां की’ गीत से शुरुआत की। कलाकार मंगलेश कुमार ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए वोकल के साथ की-बोर्ड और ढोलक पर संगत की, उनके इस कौशल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रोमी कुमार ने गायन के साथ मधुर बांसुरी वादन से श्रोताओं का मन मोह लिया। इसके बाद ‘दो दिल मिल रहे हैं’ और ‘लंबी जुदाई’ जैसे गीतों प्रस्तुत दी और ‘माहियां वे’, ‘अंबर तो आई हुई हूर सोनिये’ , ‘की बनूं दुनिया दां, सच्चे बादशाह’ और ‘छल्ला’ जैसे पंजाबी लोकगीतों से उन्होंने शाम में विविध संस्कृति के रंग भर दिए।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति नॉर्थ-ईस्ट से आए लेट नाइट मेलोडीज बैंड द्वारा दी गई। अरुणाचल प्रदेश के कलाकार न्योन्योक तलोम ने ‘जा जिन जा’ लोकगीत से शुरुआत करते हुए माहौल में पूर्वोत्तर की लोकधुनों की मिठास घोल दी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान की झलक पेश करते हुए लोकप्रिय गीत ‘चौधरी’ गाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। साथ ही उन्होंने ‘रूप तेरा मस्ताना’, ‘प्यार तेरा दीवाना’ जैसे सदाबहार गीतों से शाम को रूमानी रंग दिया। इन बेमिसाल कलाकारों ने असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग को ट्रिब्यूट देते हुए ‘जाने क्या चाहे मन’, ‘फिर दिल क्या करे’ और ‘जरा सी दिल में दे जगह’ जैसे गीतों से शाम को यादगार बना दिया। कुनाल देव ने रैपिंग, क्लैप बॉक्स पर विक्रम धमाई, की-बोर्ड पर प्रीतम ने संगत की।
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(Udaipur Kiran)