Chhattisgarh

जशपुर ने रचा नया इतिहास, मत्स्य उत्पादन में 22 महीनों में दर्ज की 22,805 मीट्रिक टन की उपलब्धि

मछली पालन
मछली पालन

अंबिकापुर/जशपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की विकासोन्मुख नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जशपुर जिला अब मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश का अग्रणी केंद्र बनकर उभरा है। बीते 22 महीनों में जिले ने 22,805 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का रिकॉर्ड दर्ज किया है, जिससे न केवल किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है बल्कि ग्रामीण रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं।

जिला प्रशासन ने आज बताया है कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से मत्स्य पालन आज पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बन चुका है। शासन की पहल पर किसानों को आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों का प्रशिक्षण, अनुदान राशि और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप मत्स्य बीज स्पॉन उत्पादन 18.50 करोड़, स्टे-फ्राय उत्पादन 2.55 करोड़ और बीज संचयन 2.94 करोड़ तक पहुँच गया है, जो जिले की इस क्षेत्र में तेज प्रगति का प्रमाण है।

जशपुर में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 77.677 हेक्टेयर ग्रामीण तालाबों और 295.270 हेक्टेयर जलाशयों का पट्टा आबंटित किया गया है। आठ मछुआ सहकारी समितियों को शासन की नई योजनाओं के तहत अनुदान स्वीकृत हुआ है। सामाजिक सुरक्षा के तहत 6,904 मछुआरों को मत्स्यजीवी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिला है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के 63 हितग्राहियों को मौसमी तालाबों में बीज संवर्धन का लाभ दिया गया है। इसके अतिरिक्त 817 लाभार्थियों ने 50 प्रतिशत अनुदान पर फिंगरलिंग क्रय कर मत्स्य संचयन किया है।

प्रदेश सरकार ने मत्स्य व्यवसाय को विविधता देने की दिशा में झींगा पालन की 55 इकाइयाँ स्थापित की हैं। साथ ही 430 हितग्राहियों को नाव-जाल और 227 को फुटकर मछली विक्रय योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने इस प्रगति को और बल दिया है। योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को तालाब निर्माण, पोखर संवर्धन और बायोफ्लॉक पॉण्ड लाइनर निर्माण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान, जबकि सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत तक सहायता दी जा रही है। इसके अंतर्गत जिले में 41 हेक्टेयर में तालाब निर्माण, 7.6 हेक्टेयर में संवर्धन पोखर और 11 बायोफ्लॉक पॉण्ड इकाइयों की स्वीकृति दी गई है। साथ ही 162 हितग्राहियों को सेविंग कम रिलीफ योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।

(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह