Chhattisgarh

जांजगीर-चांपा:फसल चक्र परिवर्तन और प्राकृतिक खेती से होगा जल संरक्षण एवं किसानों की आय में वृद्धि -कलेक्टर जन्मेजय महोबे

कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने किसानों से सीधे संवाद कर कृषि में आधुनिक तकनीक, फसल चक्र परिवर्तन और प्राकृतिक खेती के महत्व पर चर्चा की।

कोरबा/जांजगीर-चांपा, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कृषि विज्ञान केन्द्र जांजगीर-चांपा में कृषि क्षेत्र में कृषि यंत्रीकरण का उपयोग विषय पर आज एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने किसानों से सीधे संवाद कर कृषि में आधुनिक तकनीक, फसल चक्र परिवर्तन और प्राकृतिक खेती के महत्व पर चर्चा की।

यह कार्यक्रम फार्म मशीनरी एवं पावर अभियांत्रिकी विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका प्रायोजन अनुसूचित जाति उप योजना एवं अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना फार्म कार्यान्वयन एवं मशीनरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ गोकुल कुमार रावटे, उप संचालक कृषि ललित मोहन भगत, सहायक संचालक उद्यानिकी रंजना माखिजा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. डी. महंत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर महोबे ने कहा कि धान के साथ-साथ किसानों को कम पानी में अधिक लाभ देने वाली फसलों जैसे तिलहन, दलहन, सूरजमुखी और गेंदा फूल की खेती को अपनाना चाहिए। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने किसानों से फसल चक्र परिवर्तन और विविधता अपनाने का आग्रह किया ताकि जल संरक्षण और मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।

उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्रवार वैकल्पिक फसल योजना तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि शासन किसानों को हर संभव सहयोग दे रहा है। वैकल्पिक फसलों के लिए खरीदी केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। कलेक्टर ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि यह न केवल खेती की विधि है बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण का माध्यम भी है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता दी जा रही है।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने आधुनिक कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आधारित उपकरणों और फसल कटाई की नई तकनीकों की जानकारी दी। उद्यानिकी विभाग ने इंटरक्रॉपिंग तकनीक के माध्यम से भूमि की उत्पादकता और आय बढ़ाने के तरीके बताए।

कार्यक्रम के अंत में कलेक्टर ने कहा कि किसानों की प्रगति ही जिले की प्रगति है और प्रशासन हर कदम पर किसानों के साथ है। उन्होंने किसानों को राज्योत्सव 2025 की शुभकामनाएं दीं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता का आग्रह किया।

(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी

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