
रांची, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि जनी शिकार उरांव जनजाति का पारंपरिक उत्सव है, जो हर 12 साल में मनाया जाता है। और मुगलों के खिलाफ आदिवासी महिलाओं की रोहतासगढ़ विजय गाथा की याद दिलाता है। इसमें महिलाएं पुरुषों का वेश धारण कर शिकार करती हैं, जो उनके साहस और वीरता का प्रतीक है।
मंत्री रविवार को असम दौरे पर हैं। और वह, ऑल आदिवासी विमेंस एसोसिएशन ऑफ असम और ऑल आदिवासी स्टूडेंट एसोसिएशन ऑफ असम के संयुक्त तत्वावधान में असम के डिब्रूगढ़ जिला पुस्तकालय सभागार में आयोजित जनी शिकार उत्सव 2025 में बोल रहे थे। इस अवसर पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि परंपरा ऐसी विरासत है जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना जरूरी है। असम के आदिवासी समाज को लंबे समय से शोषण, खराब स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा की कमी, कम वेतन और सबसे बढ़कर एसटी सूची में शामिल होने के संघर्ष से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी यह लड़ाई 200 साल से जारी है।
तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज इस धरती का पहला निवासी है, लेकिन एक साजिश के तहत उन्हें वनवासी कहने की राजनीति होती रही है। उन्होंने आगाह किया कि आज संविधान बदलने का षड्यंत्र चल रहा है, जो नागरिकों से उनके मौलिक अधिकार छीनने की कोशिश है। मौके पर यूनेस्को की को-चेयरपर्सन डॉ. सोनाझरिया मिंज सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे। यह जानकारी मंत्री की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गयी।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
