Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग बंद होने से होने वाले नुकसान की जताई चिंता

श्रीनगर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने बुधवार को फलों के चरम मौसम के दौरान श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की एक जानबूझकर की गई चाल है और फलों से लदे ट्रकों को देश भर के बाजारों की ओर तुरंत भेजने की माँग की।

भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद इस महत्वपूर्ण राजमार्ग के बंद होने से कश्मीर से फलों से लदे ट्रक कई दिनों से फंसे हुए हैं और उत्पादकों ने नुकसान की आशंका जताई है।

पिछले महीने भारी बारिश के बाद 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग

लगातार नौ दिनों तक बंद रहा। पिछले हफ़्ते इसे फिर से खोल दिया गया लेकिन केवल हल्के मोटर वाहनों के लिए।

शोपियां में पत्रकारों से बात करते हुए सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सांसद रूहुल्लाह मेहदी ने आरोप लगाया कि यह एक पैटर्न है कभी घटिया कीटनाशक बेचा जाता है कभी सस्ते सेब आयात किए जाते हैं और कभी राजमार्ग बंद कर दिया जाता है। हमारी बागवानी हमारे सकल घरेलू उत्पाद में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। यह पर्यटन से सात गुना अधिक योगदान देती है। लेकिन हमारी बागवानी के खिलाफ युद्ध का एक पैटर्न है।

श्रीनगर से लोकसभा सांसद ने कहा कि जब राजमार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है तब भी ष्श्रीनगर से फंसे ट्रकों को जम्मू जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

अगर जम्मू से ट्रकों को श्रीनगर की ओर जाने की अनुमति है तो हमारे फलों से लदे ट्रकों को जाने की अनुमति क्यों नहीं है इससे पहले लगभग एक साल पहले हमारे फलों से लदे ट्रकों को जानबूझकर राजमार्ग पर रोक दिया गया था और फलों को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया था। हमारी अर्थव्यवस्था पर हमले का एक स्पष्ट पैटर्न है। राजमार्ग को बंद करना इसी का एक हिस्सा है उन्होंने आरोप लगाया और आगे कहा कि यह जानबूझकर किया जा रहा है।

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें पिछले कुछ हफ्तों से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण केंद्र शासित प्रदेश के सेब उद्योग के सामने आ रहे संकट से अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि सिन्हा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि आगे के नुकसान से बचने के लिए राजमार्ग पर ट्रकों की सुचारू आवाजाही में तेजी लाई जाएगी।

अवामी इतिहाद पार्टी (एआईपी) ने कहा कि राजमार्ग की नाकाबंदी कश्मीर पर आर्थिक हमले से कम नहीं है और उन्होंने फलों से लदे ट्रकों को देश भर के बाजारों की ओर तुरंत भेजने की मांग की।

एआईपी ने यहां प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया और राजमार्ग पर फंसे फलों से लदे ट्रकों को तुरंत हटाने की मांग की।

लंगेट से पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद के नेतृत्व में एआईपी के कई कार्यकर्ताओं ने सेब बचाओ कश्मीर बचाओष्के नारे लगाए और प्रशासन पर घाटी की बागवानी अर्थव्यवस्था को जानबूझकर बाधित करने का आरोप लगाया।

पत्रकारों से बात करते हुए खुर्शीद ने कहा कि नाकेबंदी कश्मीर पर एक आर्थिक हमले से कम नहीं है। लाखों परिवार बागवानी पर निर्भर हैं। सेब की खेपों को कई दिनों तक फँसाकर प्रशासन चुपचाप कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कुचल रहा है। खोखले वादे हमारे उत्पादकों को नहीं बचाएँगे केवल तत्काल कार्रवाई ही बचाएगी।

बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया और विधायक लंगटे सहित पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

वरिष्ठ माकपा नेता और कुलगाम विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि राजमार्ग के लंबे समय तक बंद रहने से घाटी के फल उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ है, और उन्होंने केंद्र से सेब के ट्रकों को देश भर के बाजारों तक पहुँचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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