श्रीनगर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को फ्रोजन मीट, चिकन और अन्य मांस उत्पादों के संचालन, भंडारण, पैकेजिंग और बिक्री के संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नियमों का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी किए और उल्लंघन की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
हाल ही में कश्मीर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया जब अधिकारियों ने अनधिकृत और अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं से सैकड़ों किलो सड़ा हुआ मांस बरामद किया।
इस खुलासे ने समाज को झकझोर कर रख दिया कि घाटी में इसका पर्दाफाश होने से पहले यह व्यापार संभवतः कई वर्षों से चल रहा था।
जम्मू-कश्मीर खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए फ्रोजन कच्चे मांस, चिकन और मांस उत्पादों के संचालन, भंडारण, पैकेजिंग और बिक्री के संबंध में दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य कर दिया है।
एफडीए आयुक्त ने अधिसूचना में कहा कि ये निर्देश सभी निर्माताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, कोल्ड स्टोरेज संचालकों, ट्रांसपोर्टरों के साथ-साथ मांस उत्पादों की बिक्री या वितरण में लगे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी लागू होते हैं।
नोटिस में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि उचित और पूर्ण लेबलिंग के बिना पैकेज्ड फ्रोजन मीट या चिकन की बिक्री प्रतिबंधित है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एफडीए के अनुसार ताज़ा, ठंडा और फ्रोजन मीट की स्पष्ट परिभाषाएँ हैं। ताज़ा मीट से तात्पर्य ऐसे मीट से है जिसे किसी भी तरह से संरक्षित नहीं किया गया है और जिसे वध के तुरंत बाद बेच दिया जाता है।
ठंडा मीट वह मीट है जिसे शून्य डिग्री सेल्सियस और 4 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान पर रखा जाता है ताकि उसकी शेल्फ लाइफ कम हो सके जो उपभोग से पहले केवल दो से चार दिनों के लिए ही मान्य है।
दूसरी ओर फ्रोजन मीट को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस या उससे कम तापमान पर संग्रहित और परिवहन किया जाना चाहिए और ऐसे उत्पादों का उपभोग फ्रीजिंग की तारीख से 12 महीनों के भीतर किया जाना चाहिए।
प्रतिष्ठानों को कैलिब्रेटेड तापमान निगरानी उपकरण लगाने और निरीक्षण के लिए सटीक भौतिक और डिजिटल रिकॉर्ड रखने का भी निर्देश दिया गया है।
एफडीए ने आगे स्पष्ट किया है कि पैकेजिंग और लेबलिंग विनियम, 2020 के तहत फ्रोजन मीट और चिकन के प्रत्येक पैकेट पर उत्पाद का नाम, सामग्री की पूरी सूची, प्रतीक सहित मांसाहारी स्थिति की घोषणा, शुद्ध मात्रा, बैच या लॉट संख्या, निर्माण या पैकिंग की तिथि, समाप्ति या उपयोग की तिथि, भंडारण की शर्तें, निर्माता/पैकर या आयातक का नाम और पता, साथ ही एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर और लोगो अंकित होना चाहिए।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले उत्पादों के लिए विनियम यह अनिवार्य करते हैं कि डिलीवरी के समय कुल शेल्फ लाइफ का कम से कम 30 प्रतिशत या समाप्ति से कम से कम 45 दिन पहले, जो भी पहले हो, उपलब्ध होना चाहिए।
उत्पाद के बारे में सभी अनिवार्य जानकारी खरीद से पहले उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन प्रदर्शित की जानी चाहिए जबकि पैकेजिंग सामग्री खाद्य-ग्रेड गुणवत्ता की सुरक्षित और संदूषण से बचने के लिए गैर-विषाक्त होनी चाहिए।
यदि किसी उत्पाद पर हलाल प्रमाणित लेबल लगा है जो स्वैच्छिक है तो भी उसे एफएसएसएआई की सभी सुरक्षा, स्वच्छता और लेबलिंग आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
प्रशासन ने उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जुर्माने में गैर-अनुपालन वाले स्टॉक की ज़ब्ती, घटिया उत्पादों के लिए 5 लाख रुपये तक का जुर्माना, गलत ब्रांड वाले उत्पादों या लेबल पर घोषणाओं के अभाव के लिए 3 लाख रुपये तक का जुर्माना, एफएसएसएआई पंजीकरण के बिना संचालन करने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना और बिना लाइसेंस के संचालन करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
असुरक्षित भोजन से जुड़े अपराधों में छह साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
आयुक्त ने सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को अपने कार्यों की तुरंत समीक्षा और उन्नयन करने, सभी रिकॉर्ड अपडेट रखने और अपने आउटलेट और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से किसी भी गैर-अनुपालन वाले उत्पाद को हटाने का निर्देश दिया है।
आदेश में चेतावनी दी गई है कि दिशानिर्देशों का पालन न करने पर बिना किसी और सूचना के त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सरकार से सड़े हुए मांस कांड पर चार दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
