जम्मू, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करने वाली एक प्रमुख पंजीकृत संस्था, ऑल जम्मू और कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस (एजेकेपीसी) ने जम्मू-कश्मीर के नेतृत्वहीन पोल पैनल पर राजनीतिक दलों, उपराज्यपाल और विधायकों द्वारा अपनाई गई चुप्पी की कड़ी निंदा की है।
एजेकेपीसी के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सभी राजनीतिक दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी चुप्पी दर्शाती है कि वे पंचायती राज संस्थाओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा अगर वे वास्तव में जमीनी स्तर के लोकतंत्र और ग्रामीण स्तर पर लोगों के अधिकारों की परवाह करते हैं तो कम से कम एक नेता ने इस मुद्दे को सरकार, एलजी या यहां तक कि मीडिया में उठाया होता।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव बी आर शर्मा का कार्यकाल एक महीने पहले राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में समाप्त होने के बाद और किसी भी राजनीतिक दल या सार्वजनिक व्यक्ति ने चिंता नहीं दिखाई है या नए चुनाव प्रमुख की तत्काल नियुक्ति की मांग नहीं की है। शर्मा के अनुसार यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति उपेक्षा की चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
