Jammu & Kashmir

सरकारी जमीन के अवैध कब्जों को मान्यता देने वाला निजी विधेयक जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने खारिज किया

केंद्र शासित प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भूमिहीन लोगों को पाँच मरला ज़मीन दी जाएगी

श्रीनगर, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने घरों के मालिकाना अधिकारों को मान्यता देने संबंधी एक निजी विधेयक मंगलवार को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के विधेयक से जमीन हड़पने के रास्ते खुल जायेंगे।

यह विधेयक पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद पारा ने पेश किया था। विधेयक में कहा गया था कि राज्य की भूमि, कचरिया भूमि, सार्वजनिक भूमि और शमीलात भूमि (जम्मू-कश्मीर कृषि सुधार अधिनियम, 1976 की धारा 4) पर बने घरों के मालिकाना अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिए।इस विधेयक के जरिये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए, ताकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त आश्रय के अधिकार मिल सकें। इस विधेयक से सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले आवासीय मकान मालिकों के पक्ष में स्वामित्व या हस्तांतरण के अधिकार सुरक्षित किए जायेंगे और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए भी प्रावधान किए जायेंगे।

सरकार ने विधेयक का विरोध करते हुए पीडीपी विधायक पारा से इसे वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन उनके वापस न लेने पर ख़ारिज कर दिया।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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