
श्रीनगर, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर प्रशासन सभी सरकारी विभागों में भर्ती नियमों (आरआर) के अद्यतन को डिजिटल और सुव्यवस्थित बनाने और विभागीय पदोन्नति समितियों (डीपीसी) के समय पर संचालन के उद्देश्य से एक प्रमुख शासन सुधार लागू करने के लिए तैयार है।
यह पहल मुख्य सचिव अटल डुल्लू की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान आकार ली गई जिसमें एआरआई और प्रशिक्षण विभाग के आयुक्त सचिव सहित प्रमुख विभागों के प्रशासनिक सचिवों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य सचिव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कर्मचारियों के मानव संसाधन (एचआर) मुद्दों का समाधान अन्य प्रशासनिक प्राथमिकताओं की तरह ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति और भर्ती नियमों जैसे मामलों की उपेक्षा कर्मचारियों के मनोबल और समग्र विभागीय प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
शासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने इन प्रक्रियाओं को पारदर्शी, कुशल और समयबद्ध बनाने के लिए एक आईटी-आधारित तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने बीआईएसएजी-एन से आरआर अपडेशन और डीपीसी दोनों के लिए एक समर्पित पोर्टल विकसित करने का आग्रह किया जिससे सुचारू, विशिष्ट और वास्तविक समय पर ऑनलाइन संचालन संभव हो सके और बेहतर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
इस सुधार को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया जिसमें आयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन और आयुक्त सचिव, कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विभाग सदस्य होंगे। समिति को इस प्रणाली के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।
उन्होंने कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विभाग को यह भी निर्देश दिया कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके अधिकारियों की क्षमता का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक ऐसी प्रणाली बनाना होना चाहिए जो न केवल कुशल और पारदर्शी हो बल्कि कर्मचारी-हितैषी भी हो।
प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, अनिल कुमार सिंह ने प्रस्तावित व्यवस्थाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आगामी ऑनलाइन प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी, दक्षता में सुधार होगा और इन महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए एक समयबद्ध ढांचा उपलब्ध होगा।
बैठक में जम्मू-कश्मीर में ऑनलाइन भर्ती नियमों की जाँच के लिए मैनुअल प्रणाली से एक व्यापक वेब-आधारित प्रणाली में परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में एक विस्तृत समय-सीमा प्रस्तुत की गई, जिसमें प्रस्तावों की प्राप्ति से लेकर स्थायी समिति की सिफारिशों तक की पूरी प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। इस प्रक्रिया में 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक समीक्षा, उसके बाद एक निर्धारित समय-सीमा में परीक्षण और अंतिम सिफारिशें शामिल होंगी।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
