
जम्मू, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रिया सेठी ने आज कहा कि जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) जम्मू-कश्मीर और उसके सहयोगी फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) शिक्षा के पवित्र मंच का इस्तेमाल ज्ञान के बजाय कट्टरपंथ फैलाने के लिए करने के मामले में पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
पूर्व शिक्षा मंत्री प्रिया सेठी ने एक बयान में कहा सालों से ये संगठन स्कूली शिक्षा की आड़ में छोटे बच्चों को गुमराह करते रहे हैं और उनके दिमाग में अलगाववादी विचारधारा का ज़हर भरने की कोशिश करते रहे हैं।
उन्होंने कहा गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी को उसके राष्ट्र-विरोधी एजेंडे के कारण एक गैरकानूनी संगठन घोषित करके सही किया था, और हाल ही में इसके 215 संबद्ध स्कूलों का अधिग्रहण शिक्षा के इस खतरनाक दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक मज़बूत कदम है। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में युवाओं के भविष्य की रक्षा और केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षा को कट्टरपंथी प्रभाव से मुक्त रखने की दिशा में एक और कदम है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे संगठनों ने कभी समाज के कल्याण के लिए काम नहीं किया बल्कि उग्रवाद को बढ़ावा देने, कश्मीरी युवाओं की पीढ़ियों को गुमराह करने और उन्हें मुख्यधारा से दूर करने का काम किया। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों पर नियंत्रण करके सरकार ने इस दुष्चक्र को तोड़ा है और हज़ारों निर्दोष छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित किया है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे संगठनों का एक ही उद्देश्य है – जम्मू-कश्मीर के युवाओं को शांति, स्थिरता और विकास से दूर रखना। इन स्कूलों पर सीधा नियंत्रण लेकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी छात्र को अलगाववादी एजेंडे में मोहरे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। प्रिया सेठी ने कट्टरपंथी नेटवर्क की जड़ों पर प्रहार करके देश के भविष्य की रक्षा करने के दृढ़ संकल्प के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि शिक्षा को अलगाववाद का हथियार नहीं बनने दिया जाएगा। उनके नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर एक ऐसे बदलाव का गवाह बन रहा है जहाँ स्कूल अब अपने वास्तविक उद्देश्य – प्रतिभा का पोषण, एकता और राष्ट्र निर्माण – की पूर्ति करेंगे। उन्होंने अभिभावकों को आश्वस्त किया कि सरकारी पर्यवेक्षण से इन स्कूलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता आएगी।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
