
शिमला, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में अपराधी इतने बेलगाम हो गए हैं कि वह प्रदेश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। शिमला से गुरूवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश के कोने-कोने से वीभत्स घटनाओं की खबरें आ रही हैं। राजधानी से लेकर दूर-दराज़ के गांवों तक लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग कोई भी सुरक्षित नहीं हैं और सरकार इस पूरे मामले में मौन धारण किए बैठी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हाल के दिनों में ऊना में गर्भवती युवती की अधजली लाश मिलने, चाचा की भतीजे द्वारा हत्या, उप प्रधान की गला रेतकर बेरहमी से हत्या, शिमला में नाबालिग से छेड़छाड़ व धमकाने, चंबा में महिला की हैवानियत के बाद हत्या, नेशनल खिलाड़ी के साथ एसडीएम पर बलात्कार जैसे मामले प्रदेश को शर्मसार कर रहे हैं। बंजार गैंगरेप और गग्गी हत्याकांड जैसे मामलों ने तो पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई घटनाओं में आरोपी फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि हालात यह हैं कि हिमाचल की पुलिस अपराध रोकने की बजाय भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की जासूसी में लगी हुई है। प्रशासन और पुलिस जनता की सुरक्षा के बजाय सत्ता के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अधिकारी ग़लत के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं तो उन्हें दंडित किया जाता है और दोषियों को बचा लिया जाता है। यह सरकार का संरक्षण है, जिसके चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि चंबा में नाबालिग स्टेट चाइल्ड से बलात्कार, गर्भवती होने और फिर प्रसव के बाद बच्चे को बेच देने जैसा अमानवीय कृत्य हुआ, लेकिन सरकार को सब पता होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इतना बड़ा अपराध जानते हुए भी सरकार की चुप्पी पीड़ादायक है। यह प्रदेश की अस्मिता पर चोट है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन, वन कटान और नशाखोरी पर भी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। सुप्रीम कोर्ट तक सरकार को नोटिस भेज चुका है लेकिन जवाब तक नहीं बन पा रहा। युवाओं की जिंदगियां नशे से बर्बाद हो रही हैं और सरकार के पास सही आंकड़े तक नहीं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार के निकम्मेपन की कीमत प्रदेश की जनता चुका रही है। अपराधियों पर शिकंजा कसने की बजाय सरकार मौन है और पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें और गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें। अन्यथा प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होकर हिमाचल की साख मिट्टी में मिल जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
