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जैन समाज ने मुख्यमंत्री को मातृ भू सेवक की उपाधि से किया अलंकृत

जैन समाज ने मुख्यमंत्री को मातृ भू सेवक की उपाधि से किया अलंकृत
जैन समाज ने मुख्यमंत्री को मातृ भू सेवक की उपाधि से किया अलंकृत

जयपुर, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रसिद्ध दिगम्बर जैन आचार्य दिव्य तपस्वी आचार्य सुन्दर सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में गुरुवार को मानसरोवर के बी टू बाईपास स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय पर धर्म सभा का आयोजन किया गया।

धर्म सभा में प्रसिद्ध दिगम्बर जैन आचार्य दिव्य तपस्वी आचार्य सुन्दर सागर महाराज ने बताया कि जिस तरह साधु संत सारे भक्तों एवं श्रद्धालुओं के होते हैं उसी तरह सच्चा नेता भी वही होता है जो पूरे प्रदेश, देश एवं विश्व का होता है, ना कि किसी सम्प्रदाय विशेष का। अपने जीवन में यदि तरक्की करना चाहते हो तो हमेशा प्रसन्न रहना सीखों। प्रसन्न रहने वाला व्यक्ति ही हमेशा उन्नति कर सकता है। आचार्य ने आगे कहा कि जो भगवान के भजन करेगा वही मुख्यमंत्री और मंत्री बनेगा। जिस तरह गीता सनातन का सबसे बडा ग्रंथ है उसी तरह जैन धर्म का सबसे बडा ग्रंथ तत्वार्थ सूत्र है। उन्होंने कहा कि भजन लाल जी दौडे दौडे संतों के पास गए यह उनका पुण्य था, और संत मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय आए ये प्रभू की कृपा है। धर्म में राजनीति आने पर विनाश होता है लेकिन राजनीति में धर्म आने पर विकास होता है। राजनीति नीति बन जाती है। भगवान महावीर के सिद्धांतों का पालन करने वाला हमेशा अग्रणी रहता है।

राम मंदिर भगवान राम एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों को मानने वाले अभी अनुयायियों का

आचार्य ने अयोध्या के राम मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हम 20 साल पहले अयोध्या गये थे तब वहां के प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर की खुदाई में भगवान आदिनाथ की मूर्ति भी निकली थी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर किसी सम्प्रदाय विशेष का नहीं है यह तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों को मानने वाले सभी अनुयायियों का है। इससे पूर्व आचार्य सुन्दर सागर महाराज ने अपना उदबोधन वन्दे मातरम तथा भारत माता की जयकार से किया।

इससे पूर्व आचार्य शशांक सागर मुनिराज ने कविता के माध्यम से भजन लाल सरकार की प्रशंसा की तथा मजाकिया अन्दाज में मंदिरों की रोड साफ करवाने तथा मंदिरों की बिजली माफ करवाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति कर लो वर्तमान का वर्धमान आपके साथ हैं।

राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि इस मौके पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से ” मातृ भू सेवक” की उपाधि से अलंकृत कर सम्मानित किया गया। आचार्य के सानिध्य में सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक, सुनील जैन लोहेवाला, महावीर सुरेंद्र जैन एडवोकेट उपमहापौर पुनीत कर्णावट , सुरेश मिश्रा, राजेश अजमेरा, विनोद जैन कोटखावदा आदि ने मुख्यमंत्री को प्रशस्ति भेंट की। इससे पूर्व राजस्थान जैन सभा जयपुर की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप जैन, उपाध्यक्ष विनोद जैन कोटखावदा, कार्यकारिणी सदस्य सुभाष बज, जिनेन्द्र जैन जीतू, चेतन जैन निमोडिया, मनीष सोगानी, भारतभूषण जैन आदि ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिनंदन एवं स्वागत किया ।

मुख्यमंत्री द्वारा मंदिर दर्शन के बाद आचार्य सुन्दर सागर महाराज एवं आचार्य शशांक सागर मुनिराज को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में पधारने एवं धर्म सभा में मंगल आशीर्वचन देने के लिए निवेदन किया। इस मौके पर आचार्य सुन्दर सागर महाराज एवं आचार्य शशांक सागर मुनिराज ने अपनी पिच्छीका से मुख्यमंत्री को आशीर्वाद प्रदान किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष कमलेश चन्द जैन एवं महामंत्री सोभाग मल जैन के मुताबिक इससे पूर्व सभी राजनेताओं एवं गणमान्य श्रेष्ठीजनो ने मंदिर जी के दर्शन किए एवं दोनों आचार्यो से श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

तत्पश्चात मुख्यमंत्री एवं सभी राजनेता दोनों आचार्य संघ के साथ बैण्ड बाजों के साथ पैदल विहार करते हुए विशाल जुलूस के रुप में मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय पहुंचे। जहां आचार्य ससंघ की भव्य अगवानी की गई । मार्ग में भगवान महावीर के जयकारों से आसपास का वातावरण गुंजायमान हो उठा।

इस मौके पर आचार्य सन्मति सागर महाराज एवं आचार्य सुन्दर सागर महाराज का सुन्दर चित्र का फोटो मुख्यमंत्री को भेंट किया गया।

इससे पूर्व सुलक्ष्यमति माताजी ने भी मंगल उदबोधन में जैन धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हर साल 9 अप्रैल को विश्व शांति प्रदायक ” नवकार महामंत्र” का पूरे विश्व में उच्चारण करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल घोषणा की है।

धर्म सभा का मंच संचालन मुनि श्रुतांश सागर ने किया। धर्म सभा के अन्त में सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने सभी का आभार व्यक्त किया।

विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक धर्म सभा के पश्चात आचार्य ससंघ जयकारों के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ वापस एस एफ एस दिगम्बर जैन मंदिर लौट गए ।

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(Udaipur Kiran)