Uttrakhand

चाणक्य का भारत बनाने की जरूरत- जय नारायण पांडे

चाणक्य का भारत बनाने की जरूरत- जय नारायण

हल्द्वानी, 29 जून (Udaipur Kiran) । यूपी-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन का 21वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन आज रविवार को साथ संपन्न हुआ। समावेशी आर्थिक नीति व स्थानीय विकास मॉडल पर मंथन के साथ ही युवाओं ने शोध की नई दिशा पर भी चर्चा की।

एक सशक्त भारत के लिए सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना: चुनौतियाँ और नीतियाँ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन के तीसरे दिन पाँच प्रमुख थीम्स पर आधारित तकनीकी सत्रों में देशभर के विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्र संकाय के विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने 75 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए।

समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि राजीव गांधी पीजी कालेज अंबिकापुर सरगूजा छत्तीसगढ़ से आए अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष जय नारायण पांडे वे कहा कि हमें भारत को चाणक्य का भारत बनाना होगा. हम अपनी संस्कृति व साहित्य को विलोपित करके एक विकसित भारत की कल्पना नहीं कर सकते। हम संस्कृत में लिखे शब्दों को पढ़ना ही नहीं चाहते।

समापन सत्र के मुख्य उद्बोधन में इलाहाबाद विवि के प्रो. मनमोहन कृष्ण ने बहुत सारी चिंताएं जताई कि हम बहुत छोटी इच्छाओं के लिए जी रहे हैं कोई बड़ा सामूहिक सामाजिक मकसद हमारा नहीं है गांवों तक बिजली पहुंच रही या नहीं लेकिन हमें बिजली का भरपूर उपयोग करना है दूसरे की चिंता करना हमारी प्राथमिकता में कहीं नहीं हैं। संस्था के अध्यक्ष प्रो. ओपी मित्तल ने अपनी बातों में समाज के लोगों के सोचने के नजरिये को बदलना होगा।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि कुमांऊ विवि के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा हम दुनिया की चौथे नंबर की इकोनॉमी तो हैं पर बाकि के तीन देशों से हमारी इकोनोमी में गैप बहुत है इसीलिए इस खुशफहमी से हमें जल्दी बाहर निकलकर अपनी इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए कोशिश करनी चाहिए।

उत्तराखंड मुक्त विवि के कुलपति प्रो. ओ.पी.एस नेगी ने कहा कि इस अधिवेशन से जो विर्मश निकलकर सामने आया वह हमारी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में लाभकारी होगा। समापन सत्र के अंत में संस्था के अवध विवि में प्रोफेसर विनोद कुमार श्रीवास्तव से अधिवेशन से जुडे अपने अनुभव साझा किये व उत्तराखंड मुक्त विवि का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यहां पर अर्थव्यवस्था पर अकादमिक विर्मश के लिए बहुत अच्छा माहौल मिला जिससे कि हम कुछ सुझाव भी दे सकेंगे। सत्र के अंत में विवि के कुलसचिव खेमराज भट्ट ने सभी का आभार व्यक्त किया। अधिवेशन के समापन सत्र में स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि मेरठ की प्रोफेसर मोनिका मेहरोत्रा ने तीनों दिनों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता

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