Haryana

हिसार : म्यूचुअल फंड निवेश का एक अनुशासित और विविधिकृत माध्यम : जगदीप पंघाल

व्याख्यान कार्यक्रम का उद्घाटन करते मुख्य वक्ता जगदीप पंघाल।
व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जगदीप पंघाल को सम्मानित करते महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा प्रो. दीपा मंगला।

गुजविप्रौवि में महिलाओं के लिए वित्तीय सशक्तिकरण व्याख्यान आयोजितहिसार, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की ओर से एनएसई एकेडमी लिमिटेड, मुंबई के सहयोग से विश्वविद्यालय की छात्राओं, शोधार्थियों और शिक्षिकाओं के लिए ‘महिलाओं की वित्तीय सशक्तिकरण’ पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस व्याख्यान कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें सूचित तथा आत्मविश्वासी वित्तीय निर्णय लेने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था। मुख्य वक्ता एनएसई एकेडमी लिमिटेड, मुंबई के प्रमाणिक प्रशिक्षक जगदीप पंघाल थे जबकि अध्यक्षता महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रो. दीपा मंगला ने की। मुख्य वक्ता जगदीप पंघाल ने बुधवार काे जीवन के विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों-जैसे बच्चों की शिक्षा, घर का निर्माण, विवाह, चिकित्सकीय आपात स्थिति, वाहन क्रय और सेवानिवृत्ति योजना-पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुरक्षा के लिए स्पष्ट और स्मार्ट (विशिष्ट, मापनीय, प्राप्त करने योग्य, प्रासंगिक और समयबद्ध) लक्ष्य निर्धारित करना अत्यंत आवश्यक है। पंघाल ने मुद्रास्फीति के निवेश प्रतिफल पर प्रभाव और संपत्ति निर्माण में चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने प्रतिभागियों को म्यूचुअल फंड की अवधारणा से परिचित कराया और बताया कि यह निवेश का एक अनुशासित और विविधिकृत माध्यम है। साथ ही उन्होंने किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपनी जोखिम वहन क्षमता को समझने के महत्व पर बल दिया तथा कहा कि सूचित निर्णय ही वित्तीय स्वतंत्रता की नींव हैं।प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रो. दीपा मंगला ने कहा कि आज के भारत में जहां महिलाएं विज्ञान, राजनीति, व्यापार और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, वहां धन को समझना उतना ही आवश्यक है जितना उसे अर्जित करना। वित्तीय साक्षरता का अर्थ है यह जानना कि बजट कैसे बनाया जाए, बचत और निवेश कैसे किया जाए तथा जीवन के लक्ष्यों की योजना किस प्रकार तैयार की जाए। कभी झिझक के कारण, कभी आदतवश और कभी जानकारी के अभाव में। विश्वविद्यालय की छात्राएं इस सोच को बदलने के सही चरण में हैं। चाहे वे अपनी पहली छात्रवृत्ति का प्रबंधन कर रही हों, आगे की पढ़ाई की योजना बना रही हों या किसी स्टार्टअप का सपना देख रही हों — वित्तीय जागरूकता उन्हें आत्मविश्वास और नियंत्रण देती है। वित्तीय रूप से साक्षर महिला न केवल स्वतंत्र होती है, बल्कि अपने परिवार की शक्ति और राष्ट्र की प्रगति की प्रेरक बन जाती है।इस कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्राओं और शोधार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम अत्यंत संवादात्मक और रोचक बन गया। कार्यक्रम का समापन महिला प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ. सुनीता द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने संसाधन व्यक्ति, प्रतिभागियों और आयोजन दल के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को इसकी प्रासंगिकता, प्रेरणादायक संदेश और व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए अत्यंत सराहा गया, जिसने महिलाओं को वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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