
जगदलपुर, 6 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल तीन दिवसीय बस्तर संभाग के प्रवास पर हैं, स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेंगे। इस दाैरान उन्हाेने दावा किया कि बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बस्तर के लिए अच्छा से अच्छा करने का प्रयास करने का दावा कर रहे हैं । इसी बीच बीते मंगलवार काे एक मामाला बस्तर जिले के बास्तानार ब्लॉक के बड़े बोदेनार गांव से सामने आया जहां ग्रामीणों ने बांस-कपड़ों से जुगाड़ बनाकर गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया । यह तस्वीर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है। शासन-प्रशासन द्वारा चाहे जितने भी दावे किए जाये लेकिन बस्तर में आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं की असलियत तब सामने आती है, जब अंदरूनी ग्रामाें में कोई महिला प्रसव पीड़ा में होती है और समय पर एंबुलेंस भी सड़क के अभाव में गांव तक नहीं पहुंच पाती। बड़े बोदेनार की लच्छो नाम की गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, परिवार ने तत्काल 102 महतारी एक्सप्रेस को कॉल किया। एंबुलेंस समय पर रवाना भी हुई, लेकिन रास्ते में उफनती नदी ने उसे गांव तक पहुंचने से रोक दिया। ग्रामीणों ने तत्काल बांस और कपड़ों से जुगाड़ बनाई, लच्छो को उसमें बैठाया और जान जोखिम में डालकर कंघाें में उठाकर उफनती नदी काे पार किया, गनीमत रही कि नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक नहीं था। किसी तरह ग्रामीण एंबुलेंस तक पहुंचे फिर लच्छो को बड़ेकिलेपाल सीएचसी ले जाया गया, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह घटना सिर्फ एक गांव की नहीं है, बल्कि पूरे बस्तर के अंदरूनी पंहुच विहीन ग्रामाें की हकीकत है। लच्छो को समय पर उपचार मिलने पर सफल प्रसव हुआ। महिला ने स्वस्थ बच्ची को को जन्म दिया, इस खुशी के मौके पर परिजनों ने 102 महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। आज बुधवार काे इस मामले की जानकारी मिलने पर जगदलपुर के महापौर संजय पांडे ने कहा कि बस्तर की तस्वीर अब बदल रही है, चालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया। चालक की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
