कोलकाता, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।
जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा की रहस्यमय मौत को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने राज्य प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
शुक्रवार सुबह जारी बयान में मालवीय ने तीन अहम सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि क्या छात्रा को नशा देकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई? आखिर पुलिस और प्रशासन अब तक खामोश क्यों है? इस मामले को केवल हादसा बताकर क्यों टाला जा रहा है?
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब एक साल पहले ही राज्य सरकार के अधीन आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या हुई थी। मालवीय ने सवाल किया कि आखिर बंगाल के विश्वविद्यालय परिसरों में सिर्फ महिला छात्राएं ही असुरक्षित क्यों हैं।
उन्होंने कहा कि छात्र संगठनों और अधिकार समूहों को इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच होनी चाहिए। मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार किसी भी तरह मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मृत छात्रा का नाम और तस्वीर तब तक सार्वजनिक नहीं की जाएगी जब तक तथ्य सामने नहीं आ जाते। साथ ही प्रशासन से उम्मीद है कि वह छात्रा की गरिमा बनाए रखेगा। मालवीय ने कहा कि बंगाल के विश्वविद्यालयों को सुरक्षित शैक्षणिक स्थल होना चाहिए, न कि अपराध स्थल।
घटना के बाद छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद मौत की असली वजह सामने आ सकेगी। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि छात्रा देर रात विश्वविद्यालय के अंदर तालाब के किनारे खुद गई थी या किसी के बुलाने पर वहां पहुंची।
विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक, घटना के समय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था। कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो रहा था और छात्र-छात्राएं नृत्य और संगीत में शामिल थे। ऐसे में यदि छात्रा ने मदद के लिए भी आवाज लगाई हो तो संभव है कि उसकी आवाज किसी तक न पहुंच पाई हो।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
