
जबलपुर, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने बुधवार को गुरु नानक जयंती पर सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित दो दिन की नवजात बच्ची के जीवन को बचाने के लिए जिला अस्पताल परिसर में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कार्यालय आज छुट्टी के दिन भी खोला गया और केवल एक घंटे के भीतर सभी दस्तावेज तैयार कर मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से उपचार की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बच्ची के इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। गुरूवार को बच्ची को एयर एम्बुलेंस से मुंबई के नारायण अस्पताल ले जाया जाएगा। जहां उसका ऑपरेशन किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, सिहोरा में रहने वाले सतेंद्र दाहिया की पत्नी शशि दहिया ने सोमवार दोपहर जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। जन्म के बाद डॉक्टर ने दोनों बच्चों की जांच की तो पता चला कि लड़का तो पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन बच्ची गंभीर बीमारी से जूझ रही है। बच्ची के दिल में छेद है और जल्द इलाज नहीं मिला तो उसकी जान भी जा सकती है। मासूम बच्ची की जान बचाने के लिए राज्य सरकार आगे आई। बुधवार को अवकाश के दिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का ऑफिस खोला गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर जिला प्रबंधक, बाबू ने कार्यालय खोला और सिर्फ डेढ़ घंटे में दस्तावेज तैयार कर लिए। मासूम की उम्र सिर्फ दो दिन है। ऐसे में उसे जल्द से जल्द इलाज की जरूरत थी। लिहाजा इसके लिए मुख्यमंत्री एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
बुधवार को गुरुनानक जंयती थी इसलिए सरकारी अवकाश था फिर भी सतेंद्र को बच्ची की जान बचाने के लिए न सिर्फ दस्तावेज तैयार करवाने थे, बल्कि इलाज के लिए नवजात को मुंबई भी ले जाना था। परेशान पिता ने राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला से संपर्क किया और उन्हें पूरी बात बताई। उनसे कहा कि जल्द से जल्द उसे इलाज के लिए मुंबई ले जाना होगा। बुधवार को छुट्टी है ऐसे में गुरुवार को कितने बजे ऑफिस खुलेगा।
उनको बताया गया कि आज आपके लिए कार्यालय खोला जा रहा है। बच्ची के पूरे दस्तावेज लेकर फौरन कार्यालय आ जाएं। इसके बाद प्यून को तुरंत कार्यालय आने के निर्देश दिए। आधे घंटे के भीतर कार्यालय खुला और फिर दस्तावेज तैयार करना शुरू किया गया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला प्रबंधक टीम के साथ दस्तोवज तैयार करवाने में जुट गए। आरबीएसके तहत जितने भी दस्तावेज और बच्ची के इलाज से संबंधित कागज लगने थे, उसे तैयार करने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को इसकी जानकारी दी गई। कुछ ही देर में सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा भी कार्यालय पहुंच गए। जहां उनके दस्तखत होने के बाद बच्ची के इलाज को लेकर सारे दस्तावेज तैयार हो चुके थे।
सीएमएचओ संजय मिश्रा के अनुसार मासूम बच्ची की जान बचाने आरबीएसके का कार्यालय अवकाश के दिन खोला गया और उसके इलाज से संबंधित दस्तावेज तैयार किए गए। इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। इससे पहले भी बच्चों को इलाज के लिए मुंबई भेजा है लेकिन एयरलिफ्ट पहली बार किया जा रहा है।
दरअसल सतेंद्र और उसके परिवार की हालत इतनी अच्छी नहीं थी, कि वह खुद के खर्च से बच्ची का इलाज कराने के लिए मुंबई जा सकें, ऐसे में मुख्यमंत्री एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉ. विनिता उप्पल और श्रेय अवस्थी ने एयर एम्बुलेंस के लिए अधिकारियों से बात करते हुए दस्तावेज तैयार करवाए और गुरुवार को दो दिन की बच्ची को एयरलिफ्ट करते हुए मुंबई के नारायणा अस्पताल भेजा जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक